मेरठ. मेरठ में एक घोड़े को ऐसा संक्रमण हुआ कि उसे जहर देकर मारना पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि इस घोड़े को ग्लैंडर्स वायरस से संक्रमित हो गया था. इसलिए इसे मारने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. इससे संक्रमण फैल सकता था. इसके चलते जहर के इंजेक्शन से मारकर घोड़े की लाश को 10 फीट गहरे गड्ढे में दबाया गया.घोड़े को जहर देने वाली टीम बाकयदा पीपीई किट पहनकर पहुंची थी.कोरोना महामारी के दौरान मेरठ में एक घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि हुई है. हस्तिनापुर इलाके के गणेशपुर गांव में घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस पुष्टि हुई थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घोड़ा मालिक एवं परिजनों का सीरम सैंपल लेकर जांच कराई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके बाद अब पशु चिकित्सा विभाग ने DM से अनुमित लेकर संक्रमित घोड़े को जहर का इंजेक्शन लगाकर मार दिया और जेसीबी मशीन से गड्ढा खोद कर 10 फिट गहरे गढ़ढे में दफन कर दिया.
हस्तिनापुर के गणेशपुर गांव में 12 दिन पहले एक घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद स्वास्थ्य समेत पशु विभाग ने आनन-फानन में गणेशपुर गांव समेत 5 किमी आसपास 4 गांवों के घोड़ो के भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. जिनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है. पशु चिकित्सक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि ग्लैंडर्स वायरस घोड़ों में पाए जानी वाली एक जानलेवा लाइलाज बीमारी है. ग्लैंडर्स वायरस बीमारी का इलाज करना नामुमकिन है. इस बीमारी से संक्रमित हुए घोड़े को वैज्ञानिक तरीके से मारना ही पड़ता है.