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    Home » केरल से पंजाब तक आधा दर्जन राज्यों में अपने ही बने कांग्रेस का सिरदर्द
    Breaking News Headlines राजनीति संवाद विशेष

    केरल से पंजाब तक आधा दर्जन राज्यों में अपने ही बने कांग्रेस का सिरदर्द

    Devanand SinghBy Devanand SinghJune 23, 2021No Comments4 Mins Read
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    पंजाब में जारी कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की कलह अब कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच चुकी है। कैप्टन खुद दिल्ली में हैं । हालांकि, सिर्फ पंजाब ही अकेला ऐसा राज्य नहीं है जहां कांग्रेस में इतनी सिर-फुटव्वल हो रही है। ऐसे लगभदग आधा दर्जन राज्य हो गए हैं जहां कांग्रेस अपनी अंदरूनी उठापटक में ही उलझकर रह गई है।

    बीते दिनों राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी दिल्ली आए थे और कर्नाटक चीफ डीके शिवकुमार भी। पायलट जहां अशोक गहलोत के साथ काम करने को राजी नहीं हैं तो वहीं डीके शिवकुमार भी अपने सहयोगी के सिद्धारमैया के समर्थकों से खासा नाराज हैं। पार्टी राज्य इकाई में साइडलाइन होने से नाखुश केरल के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश चेनीताला भी बीते हफ्ते राहुल गांधी से मिलकर गए हैं। वहीं, झारखंड में कांग्रेस की महत्वपूर्ण सहयोगी जेएमएम के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी गांधी परिवार से न मिल पाने के बाद रांची लौट गए हैं। असम में भी कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अभी और कई विधायक कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में जा सकते हैं।
    पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी आलाकमान को यह साफ बता दिया है कि वह असंतुष्ट नवजोत सिंह को कोई अहम पद नहीं देंगे। पंजाब को लेकर बनी तीन सदस्यीय समिति के सामने भी अमरिंदर सिंह यह स्पष्ट कर चुक हैं कि वह सिद्धू को न तो डिप्टी सीएम बनाएंगे और न ही प्रदेश अध्यक्ष। माना जा रहा है कि गांधी परिवार सिद्धू के पक्ष में है। हालांकि, कैप्टन भी अपनी बात पर अड़े हैं। कैप्टन एक बार फिर आज दिल्ली में तीन सदस्यों वाली कमेटी से मुलाकात करेंगे।

    राजस्थान कांग्रेस की कलह पिछले साल से ही सबके सामने है, जब पार्टी आलाकमान को खुद हस्तक्षेप कर सचिन पायलट और अशोक गहलोत को मनाना पड़ा था। अशोक गहलोत और सचिन पायल के बीच विवाद एक बार फिर से गहरा गया है। दरअसल, सीएम गहलोत पायलट खेमे के विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं दे रहे हैं। इससे नाखुश पायलट बीते 15 दिनों में दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। हालांकि, गांधी परिवार से उनकी मुलाकात अब तक नहीं हो सकी है।

    केरल में भी जारी है आंतरिक कलह

    2 मई को प्रदेश में आए चुनाव नतीजों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष ए. रामचंद्रन को पद से हटा दिया था। इसके अलावा विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला को भी हटाया गया। चेन्नीथला कैंप के नेताओं का कहना है कि भले ही उन्हें पद से हटाया गया, लेकिन विदाई सम्मानजनक नहीं रही। चेन्नीथला ने पिछले शुक्रवार को ही राहुल गांधी से मुलाकात की है। इसके अलावा उन्होंने अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी को भी चिट्ठी लिखी।

    असम में मची भगदड़

    विधानसभा चुनावों में निराशाजनकर प्रदर्शन के बाद असम में भी पार्टी को अपने ही लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। असम में कांग्रेस के चार बार के विधायक रुपज्योति कुर्मी ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर ली। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व जमीनी नेताओं की बजाय दिल्ली में बैठे नेताओं की सुन रहा है। ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि रुपज्योति के अलावा कई और कांग्रेसी विधायक बीजेपी में जा सकते हैं।

    झारखंड में भी बढ़ रही है मुसीबत

    झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गठबंधन में भी सब ठीक नहीं है। जेएमएम नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में पांच दिनों तक रहने के बाद वापस रांची पहुंच गए हैं। एक तरफ कांग्रेस का कहना है कि सोरेन निजी दौरे पर दिल्ली आए थे तो वहीं रांची की रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि राज्य में अहम फैसले लेने में कांग्रेस की अनदेखी किए जाने को लेकर पार्टी हाई कमान सोरेन से नाखुश है।

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