आज दिनांक 30 मई 2021 को प्रज्ञा प्रवाह झारखण्ड प्रांत की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें अखिल भारतीय प्रांत संयोजक माननीय जै नंद कुमार तथा झारखण्ड, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संयोजक माननीय रामाशीष सिंह जी मौजूद रहे।
आज पूरा देश करोना पैंडेमिक के दूसरी लहर से जूझ रहा है। जिसके कारण ऑफलाइन गतिविधि पूरी तरह से रूक जाने के कारण इस बैठक को ऑनलाइन गूगल मीट के द्वारा किया गया।
इस बैठक का संचालन प्रज्ञा प्रवाह झारखण्ड प्रान्त के प्रांत संयोजक मयंक रंजन जी ने किया। तत्पश्चात रामाशीष जी ने सभी को सम्बोधित करते हुए करोना कि लड़ाई में प्रज्ञा प्रवाह के कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका रही, उन्होंने अपने आस पास के लोगों को डर के माहौल में जागरूक करने से लेकर मानसिक रुप से कैसे मजबूत बनाया, जरूरतमंदों की कैसे सेवा की आदि विषयों पर चर्चा की।
तत्पश्चात जै नंद कुमार जी ने करोना के इस दूसरी लहर में संघ के स्वयंसेवको से लेकर सेवा भारती के स्वयंसेवको की आम जनमानस की सेवा के बारे में चर्चा किया। उन्होंने कहा कि हमने करोना की पहली लहर में बहुत ही बेहतर तरीके से अपने आप को बचा कर रखा जिससे हम उबर गए कारण था कि हमने करोना के खिलाफ सुरक्षा कवच को लगातार पहने रखा और दूसरों को भी जागरूक किया परन्तु दूसरी लहर में हम थोड़ा सा लापरवाही बरते और सुरक्षा कवच हटा दिया जिससे की दूसरी लहर ने हमें तथा हमारे अपनों को परेसान किया।
जैसा कि विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरी लहर भी आएगी जो बच्चों के लिए घातक होगी उससे बचाने के उपाये में हमें सुरक्षा कवच के प्रति फिर से जागरूक करना होगा।
फिर पश्चिम बंगाल को दयनीय स्थिति को बताते हुये जै नंद जी ने बोला कि 34 साल पुराने हिंसात्मक तथा रक्त रंजित माहौल को सुधारने के लिए इस बार बंगाल चुनाव 8 चरणों में कराया गया परन्तु चुनाव शुरू होने से लेकर और चुनाव रिजल्ट आने तक के बाद से अब तक पूरा बंगाल हिंसा से जल रहा है।
वहां के लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। महिलाओं का सरेआम उत्पीड़न किया जा रहा है, घर जलाए जा रहे हैं, लूट पाट की जा रही है। जो कि मन व्यथित करने वाला समय है पूरे बंगाल के लिए।
हमें टीएमसी के इस रक्त रंजित चरित्र को रोकना होगा। जिसके लिए हमें वैचारिक आंदोलन खड़ा करना होगा। उसके अलावा अपने-अपने जिलों से डिजीटल हस्ताक्षर कैम्पेन चलाकर महामहिम राज्यपाल महोदय को संज्ञान में दिलाकर उनसे राष्ट्रपति द्वारा इस पर हस्तक्षेप करके कुछ निर्णय लेने के लिए बोलना होगा तथा संघ के पुनर्वासन कार्यक्रम में हम सबको पूर्ण रूप से सहयोग करना होगा।
और बैठक के अंत जै नंद कुमार जी ने कहा कि बंगाल से एकदम सटे राज्य जो कि उड़ीसा, झारखण्ड तथा बिहार है। वहां पलायन होकर आ रहे बंगाली लोगों को समझाना होगा उनके साथ खड़ा होकर उन्हें वापस उनके घर में ले जाकर उनकी मदद करनी होगी, उनके अंदर के डर को खत्म करना होगा क्यों कि वो हमारे बन्धु, भगिनी हैं।
बैठक में डॉक्टर कल्याणी कबीर, जय प्रकाश राय प्रदीप मुंडा, प्रियव्रत नाग, शत्रुघन पांडेय, इंदल पासवान, नरेश कुमार, अजय जुमार, अनिल कुमार, देवानंद सिंह, शिव शंकर सिंह विपिन कमलेश कुमार, राज कुमार शर्मा, मनोज कुमार, रत्नेश विश्वकसेन, सुधीर कुमार, संजीव मिश्रा, अपर्णा, प्रज्ञा शुक्ल, रणविजय, आलोक तिवारी एवं अमित मीरा सिंह रघुवंशी मौजूद रहे।