संवाददाता सम्मेलन कर एसएसपी, सिटी एसपी डीएसपी कमल किशोर और थानेदार ने दी कदमा चौराहा हत्याकांड की जानकारी
लाश के साथ बलात्कार करता रहा दरिंदा दीपक
एक बार फिर पुलिस उपाधीक्षक कमल किशोर के नेतृत्व में पुलिस को मिली बड़ी सफलता
जमशेदपुर : पुलिस उपाधीक्षक कमल किशोर के नेतृत्व में गठित टीम को मिली बड़ी सफलता, कदमा हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा एसएसपी ने संवाददाता सम्मेलन कर बताते हुए कहा कि कदमा के तिस्ता रोड में अपनी 14 वर्षीय व 9 वर्षीय मासूम बच्चियों, पत्नी की हत्या के बाद दीपक कुमार दरिंदगी की हद पार कर गया. उसने घटना के वक्त घर पहुंची बच्चियों की ट्यूटर को भी कब्जे में कर लिया. भेद न खूले इसके लिये उसने शिक्षिका की भी हत्या कर दी और उसकी लाश के साथ रेप किया. हत्यारे की बात पर भरोसा करें तो शिक्षिका की लाश छुपाते समय उसके कपड़े खुल गये थे. उसके बाद उसने उसकी लाश के साथ दुष्कर्म किया. वैसे तो इस सिरफिरे ने पुलिस के समक्ष जो भी बयान दिया है, उसकी बातों पर आंख मुंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. क्योंकि इन हत्याओं के पीछे उसकी अय्याशी भरी मानसिकता ज्यादा मजबूरी कम है. संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी तमिल वाणन ने माना है कि उसके द्वारा आत्हत्या की बात कहना पूरी तरह से बनावटी है. उसके चेहरे पर हत्या की सिकन तक नहीं है. उसके अंदर पाश्च्याताप तक नहीं दिखता है. उसने बड़े प्रायोजित तरीके से कांड को अंजाम दिया है.
एसएसपी ने बताया कि कदमा में पत्नी, दो बेटियों और ट्यूशन टीचर की हत्या के बाद भागने वाले सिरफिरे व टाटा स्टील कर्मी दीपक को धनबाद पुलिस ने जमशेदपुर पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया. हत्यारे दीपक की बातों पर भरोसा करें तो वह अपने दोस्त प्रभु और रोशन के कहने पर व्यवसायिक वाहन खरीदने में लाखों रुपये खर्च कर दिये, लेकिन उसका कारोबार डूब गया. जिसको लेकर वह काफी परेशान था. उस पर कर्ज का बोझ बढ़ गया था. लोन चुकाने के लिए परसुडीह के सोपोडेरा में स्थित घर उसने 40 लाख रुपये में बेच दिया. बावजूद इसके बैंक का लोन खत्म नहीं हुआ और लोन बढ़ता जा रहा था.
अपराधी ने प्लानिंग के साथ हत्या को अंजाम दिया
इस बात को लेकर वह अपने दोनों दोस्तों से काफी खफा था. उसका मानना था कि दोस्तों ने ही उसे बर्बाद कर दिया. इसलिये परिवार को मारने के पहले वह अपने दोनों दोस्तों को मार देना चाहता था. दोनों दोस्तों की हत्या के बाद सिरफिरा दीपक परिवार को भी समाप्त कर देना चाहता था. इसिलये पहले उसने परिवार को की खत्म कर दिया. परिवार को कोई परेशानी ना हो उसके लिए सिरफिरे दीपक ने पत्नी समेत दोनों बच्चों की हत्या कर दी. हत्या के दौरान ट्यूशन टीचर अचानक घर पहुंच गई जिसे छिपाने के लिए ट्यूशन टीचर की हत्या कर दी, हत्या के बाद टीचर के शव को छिपाने के दौरान उसके कपड़े खुल जाने से वह टीचर के साथ दुष्कर्म किया.
सिरफिरे ने हत्या की योजना के साथ अपने साथी रोशन को घर में खाने पर बुला लिया. लेकिन रोशन अपनी पत्नी व साला के साथ पहुंच गया. सिरफिरे ने पहले सोचा था कि रोशन अकेले आयेगा और उसे भी मार दिया जायेगा. लेकिन रोशन पत्नी व साला के साथ पहुंच गया. ऐसे में सिरफिरे दीपक ने तीनों पर जानलेवा हमला किया. संयोग से रोशन गम्भीर रुप से जख्मी हो गया. लेकिन चिख पुकार के बाद अफरा-तफरी मच गयी और रोशन की पत्नी व साला को हल्की चोट लगी और उनकी जान बच गयी.
घर के अंदर पहले से 4 लाशे हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पायी. उसके बाद सिरफिरा दीपक घर में ताला बंद करके अपने ससुराल पहुंचा. जहां बीवी के गहने लेकर वह ज्वेलरी दुकान में गया और गहने को चार लाख में बेच दिया. उसके बाद वह रुपए लेकर अपनी बुलेट से जमशेदपुर से पूरी के लिये निकल गया. राउरकेला में बुलेट का टायर पंचर होने के बाद उसने बुलेट को वहीं स्टैंड में छोड़ दिया और टैक्सी बुक करके पूरी चला गया. 2 दिनों बाद वह पूरी से धनबाद पहुंचा. जहां बैंक में रुपए जमा करने के दौरान उसकी गिरफ्तारी की गई.
हत्या व उससे जुड़े साक्ष्य जब्त किये पुलिस ने
एसएसपी ने बताया कि उसे देर रात शहर लाया गया. पुलिस उसे घटनास्थल पर ले गई और हत्याकांड से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्यों को प्रदर्श के रूप में जप्त किया गया. अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस ने टीचर का हाथ में बांधने वाला टेप, चाकू, दरवाजा में ताला बंद कर भागने के क्रम में छुपाया हुआ चाबी, नकद ₹1 लाख रुपये, पूरी एवं धनबाद में होटल में रुकने का पर्ची, तीन एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड सादा चेक बुक, बुलेट की चाबी, मोबाइल फोन और एक हाथ घड़ी पुलिस ने जब्त किया है.
डीएसपी कमल किशोर के नेतृत्व में गठित टीम को मिली कामयाबी
एसएसपी ने बताया की चौहरे हत्याकांड के फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की गई थी, जिसका नेतृत्व हेड क्वार्टर डीएसपी मुख्यालय टू कमल किशोर कर रहे थे. इसके अलावा कदमा थाना प्रभारी मनोज कुमार ठाकुर, परीक्षयमान दरोगा हर्षवर्धन कुमार सिंह, नितेश कुमार ठाकुर, बसंती टूडू, शशि बाला, जेनी सुधा तिग्गा को टीम में शामिल किया गया था. जेनी तिग्गा साकची महिला थाना प्रभारी हैं. लगातार स्थान बदलने की वजह से उसकी गिरफ्तारी हो पाई