जामताड़ा
बसंत ऋतु का आगमन हो चुका है|वसंत ऋतु के आगमन से लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है|यही नहीं लोग बताते हैं कि अन्य ऋतुओं से बसंत ऋतु में काफी अच्छा महसूस होता है|बताया जाता है कि वसंत ऋतु में न तो ज्यादा गर्मी लगता है और न ही ज्यादा ठंड लगता है| इससे लोगों को मौसम का सुखद अनुभव होता है|वही इस बसंत ऋतु को चार चांद लगाने में झारखंड का राजकीय फूल पलाश फूल भी पीछे नहीं रहते हैं| पलाश फूल से क्षेत्र जगमगाने लगता है|पलाश के लाल-लाल फूल को देखने में काफी आकर्षक-सा महसूस होता है| बताते चलें इस बसंत ऋतु में एक ओर जहां लोगों को ठंडा व गर्मी से राहत मिलती है तो वहीं दूसरी ओर दोपहर में हवा के बहने, शाम में चिड़ियों के चहकने और उसमें पलाश के लाल-लाल फूल को देखने से मौसम का मिजाज और भी सुहाना लगता है| वहीं सड़क किनारे पलाश पेड़ पर पलाश फूल रहने से सड़कें भी जगमगाने लगते है|जंगलों में पलाश के पेड़ पर पलाश फूल से जंगल भी जगमगाने लगते हैं|बता दे पलाश फूल कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर आकर्षक का केंद्र बना है| बता दे काकड़ाशोला से पुतुलबोना के बीच स्थित सड़क किनारे पर पलाश का फूल आकर्षक का केंद्र बना हुआ है| लोग पलाश पेड़ के समीप जाते हैं और विभिन्न एंगल से फोटो व सेल्फी लेते हैं|मालूम हो कि पलाश फूल का काफी महत्व है| बताते चलें आदिवासी समुदाय में बाहा पर्व के दिन पलाश फूल का विशेष महत्व रहता है| नईकी हड़ाम घर-घर जाते हैं और लोगों को पलाश फूल छिड़काते है| बदले में लोग नईकी हड़ाम का पैर धोकर प्रणाम करते हैं|
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग: जिला परिषद सदस्य भजहरी मंडल, जिला परिषद सदस्य सुभद्रा बावरी, पंचायत समिति सदस्य अरुण मुखर्जी ,चांदनी विवि, अब्दुल रहीम खान ,शांति टूडू, इरफान खान सहित आदि ने कहा की पलाश फूल से एक ओर जहां मौसम सुहाना लगता है तो वहीं दूसरी ओर पलाश फूल झारखंड का राजकीय फूल होने में अपने आप में गर्व महसूस होता है| पलाश फूल का काफी महत्व है| कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर पलाश का फूल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है| जहां लोग जाकर सेल्फी व फोटो खिंचवाने से गदगद हो जाते हैं|