नई दिल्ली. जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर व्यापारियों के शीर्ष संगठन द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. इसी के साथ सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के समर्थन में इसी दिन ‘चक्का जाम’ का ऐलान किया है. इसकी वजह से 26 फरवरी को सभी व्यावसायिक बाजारें बंद रहेंगी.
1500 जगहों पर दिया जाएगा धरना
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से माल एवं सेवा कर (GST) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना भी दिया जाएगा. देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा.
सुबह 6 से शाम के 8 बजे के बीच ट्रासपोर्ट रहेगा बाधित
सभी राज्य स्तरीय-परिवहन संघों ने भारत सरकार द्वारा पेश किए गए नए ई-वे बिल कानूनों के विरोध में कैट का समर्थन किया है. ट्रांसपोर्ट के कार्यालयों को इस दौरान पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की है. किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई बन्द रहेगी. सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए सुबह 6 से शाम के 8 बजे के बीच अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा है.
एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई वे बिल के नियम से परिवहन और व्यवसायी वर्ग चिंतित हैं. केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ई वे बिल की समय सीमा की वैधता घटाई जाएगी. वर्तमान में प्रति 100 किमी तक के लिए वाहन पर लादे गए सामान पर दो दिन के लिए ई वे बिल की समय सीमा है. यह एक जनवरी से मात्र एक दिन की रहेगी.
देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा बड़ी संख्या में अनेक राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी व्यापार बंद का समर्थन किया है जिसमें खास तौर पर ऑल इंडिया एफएमसींज़ी डिस्ट्रिब्युटर्ज़ फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ अलूमिनियीयम यूटेंसिलस मैन्यूफैकचररस एंड ट्रेडर्ज एसोसिएशन, नार्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, आल इंडिया वूमेंन एंटेरप्रिनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर एसोसीइएशन, आल इंडिया कॉस्मेटिक मनुफक्चरर्स एसोसिएशन आदि शामिल हैं.