भारत में जहां तीन कृषि बिलों का विरोध हो रहा है, वहीं अमेरिका की जो बाइडेन सरकार ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार का पूरा साथ दिया है। जो बाइडेन प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन कृषि बिलों को कृषि में सुधार आएगा और कृषि अर्थव्यवस्था सुधरेगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस मुद्दे पर जारी गतिरोध को वार्ता से दूर किया जाना चाहिए। जो बाइडेन प्रशासन का यह बयान बहुत अहम है, क्योंकि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी पॉप सिंगर रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी भारत में जारी विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। एक तरह से बाइडेन प्रशान का यह बयान इन लोगों को जवाब है।
भारत में चल रहे विरोधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका उन कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाजारों की ‘दक्षता में सुधार’ करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। वॉशिंगटन यह स्वीकार करता है कि शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है, पक्षों के बीच मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
बता दें, भारत में कृषि बिलों को लेकर सरकार किसानों की बात सुनने के लिए पूरी तरह से तैयार है और दोनों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन किसान अड़े हैं कि सरकार बिल वापस ले। वहीं सरकार कह रही है कि वह उनकी हर आपत्ति को सुनने और जरूरी सुधार के लिए तैयार है। बहरहाल, अब पूरे मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। सभी विपक्षी दर इस मुद्दे पर सियासी रोटियां सेंक रहे हैं।