न्यूयार्क. अमेरिकी डाक्टरों ने अनोखी सर्जरी की है.विशेषज्ञों का कहना है कि एनवाईयू लैनगोन हेल्थ में हुई इस सर्जरी को सफल माना जा रहा था. लेकिन ऐसा कहने के लिए कुछ समय का इंतजार जरूरी था. अमेरिकी ट्रांसप्लांट सिस्टम को देखने वानी संस्था यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग के अनुसार दुनिया भर में सर्जन कम से कम 18 फेस ट्रांसप्लांट और 35 हैंड ट्रांसप्लांट कर चुके हैं. लेकिन एक साथ फेस और दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट काफी दुर्लभ है. ऐसा पहले सिर्फ दो बार हुआ है.
ऐसा ऑपरेशन सबसे पहले 2009 में पेरिस के एक मरीज का करने की कोशिश की गई थी. लेकिन वह एक महीने बाद ही सामने आई परेशानियों के कारण मर गया था. इसके बाद 2011 में बोस्टन के डॉक्टरों ने एक महिला का इस तरह का ऑपरेशन किया था. उसे चिंपांजी ने चोट पहुंचाई थीं. लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हे महिला के ट्रांसप्लांट किए गए हाथों को निकालना पड़ा था.
न्यू जर्सी के जो डीमियो को अब जीवन भर इलाज कराना पड़ेगा. ताकि उनका शरीर ट्रांसप्लांट किए गए फेस और हाथों को नकार न दे. इसके साथ ही उन्हें इस बात का भी प्रशिक्षण मिलेगा कि उन्हें कैसे नए चेहरे और हाथों का इस्तेमाल करना है. 2018 में जो डीमियो एक ड्रग कंपनी में प्रोडक्ट टेस्टर थे. एक दिन हुई दुर्घटना में उनका शरीर जल गया था. इसके बाद वह महीनों अस्पताल में रहे और उनके कई ऑपरेशन किए गए.
लेकिन जब डॉक्टरों को लगा कि पारंपरिक सर्जरी से जो डीमियो ठीक नहीं होंगे, तो उन्होंने 2019 की शुरुआत से ही डीमियो की ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की तैयारी शुरू कर दी थी. इसके लिए एक डोनर चाहिए था. डॉक्टरों का अनुमान था कि डीमियो के पास सिर्फ 6 फीसदी ही चांस है कि उन्हें उनके इम्यून सिस्टम के अनुरूप मैच मिले.
हालांकि अगस्त 2020 में डॉक्टरों की टीम ने डेलावेर में एक डोनर की पहचान की और डीमियो का कठिन ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद डर यह था कि कहीं डीमियो का शरीर नए चेहरे और हाथों को नकार न दे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उनके शरीर में ऐसे कोई भी संकेत नहीं मिले.