युवाओं को स्वामीजी के सूत्र वाक्य से प्रेरणा लेने की जरूरत: ईशम सिंह
पटमदा(पूर्वी सिंहभूम): स्वामी विवेकानंद जी के तीन सूत्र वाक्य हैं उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष करो। हमारे देश के युवाओं को विवेकानंद जी के सूत्र वाक्य से प्रेरणा लेने की जरूरत है। यह बातें मंगलवार को बोड़ाम थाना क्षेत्र के मिर्जाडीह स्थित ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल में आयोजित झारखंड मानवाधिकार संघ की ओर से आयोजित विवेकानंद जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पुलिस उपाधीक्षक ईशम सिंह ने कही। उन्होंने राज्य एवं देश में मानवाधिकार आयोग की भूमिका एवं मानवाधिकार के संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है कि अपराधियों या आतंकवादियों पर पुलिस की प्रताड़ना होने से ही मानवाधिकार आयोग सक्रिय होती है बल्कि आम आदमी या एक गरीब आदिवासी परिवार के लोगों के पास कानूनी जानकारी का अभाव होने की वजह से मानवाधिकार का लाभ नहीं ले पाते है। मुख्य वक्ता वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि विवेकानंद जी का सूत्र वाक्य युवाओं को प्रेरणा देती है। स्वामीजी ने शिकागो में हिन्दू दर्शन के बारे में लोगों को समझाया। उन्होंने विश्व बंधुत्व का संदेश दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण सिंह ने कहा कि एक गंभीर विषय है कि विवेकानंद जी ने 39 वर्ष की उम्र में यूएसए में प्रखर वक्ता के रूप में हिंदी में भाषण देते हुए उन्होंने धर्म प्रचार किया। अमेरिका और यूरोप के हर देश में सनातन धर्म का प्रचार किया। इन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। भारत में उन्हें सन्यासी के रूप में मानते हैं और उनकी जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। जानकारी और युवा का कोई सीमा ही नहीं है। झारखंड मानवाधिकार संघ के सदस्य मनोज कुमार सिंह ने कहा कि शिकागो में एक विदेशी महिला ने विवेकानंद जी से कहा था कि हमें आप के जैसे बच्चे की जरूरत है इसलिए मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। उस वक्त महिला को स्वामीजी ने जवाब दिया था कि मुझे ही आप अपना पुत्र मान लें मैं आपको माता मानता हूं। आज युवाओं के ऊपर पूरा विश्व टिका हुआ है इसलिए युवाओं को स्वामीजी की प्रेरणा से ही आगे बढ़ने की जरूरत है। दिल्ली से आये विकास कुमार, संघ के मनमन सिंह, संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार किनु, स्कूल के निदेशक मधुकर कुमार ने भी संबोधित किया।