मुंगेर में विजयादशमी की रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर फायरिंग की घटना के बाद राजनीति गरमाई , डीएम और एसपी समेत स्थानीय थाना प्रभारी की बर्खास्तगी की मांग
करणी सेना के राज्य प्रमुख धीरेंद्र सिंह ने कार्रवाई नहीं करने पर चक्का जाम की चेतावनी दी
बिहार के मुंगेर शहर में विजयादशमी की रात मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर पुलिस फायरिंग में एक युवक की हुई मौत और सात अन्य लोगों के गोली लगने से जख्मी होने की घटना को लेकर राजनीति गरमाने लगी है . बिहार की विपक्षी पार्टियों ने सरकार और मुंगेर के स्थानीय जिला प्रशासन को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है. घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है . लोगों ने पुलिस पर अनावश्यक रूप से फायरिंग करने का आरोप लगाया है . इस घटना से एक और जहां विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन के खिलाफ तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है , तो वही सामाजिक संस्थाओं ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है . करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है. घटना को लेकर संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने पुलिस प्रशासन की आलोचना की है. धीरेंद्र सिंह ने इस घटना के लिए मुंगेर के डीएम और एसपी लिपि सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने बासुदेवपुर थाना प्रभारी और मुफस्सिल थाना प्रभारी को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें भी पुलिस सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है. श्री सिंह ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो करणी सेना बिहार में चक्का जाम करेगी. उल्लेखनीय है कि मुंगेर शहर में स्थानीय पुलिस और थाना प्रभारी द्वारा मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर फायरिंग की गई थी. फायरिंग में 8 लोगों को गोली लगी, जिसमें एक युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. सात अन्य जख्मी लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है. स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है . लोगों का कहना है कि बासुदेवपुर थाना प्रभारी सुशील सिंह और मुफस्सिल थाना प्रभारी बृजेश कुमार सिंह ने पहले दुर्गा पूजा कमेटी पर दबाव बनाया कि वह प्रतिमा को आगे बढ़ाएं . जबकि पूजा समिति के लोगों का कहना था कि हम आपस में बात करके तय करेंगे , उसके बाद विसर्जन जुलूस आगे बढ़ेगा. इसी दौरान बासुदेवपुर थाना प्रभारी सुशील सिंह के मोबाइल पर किसी का फोन आया, जिसमें वे फोन करने वाले को मैडम मैडम कह कर संबोधित कर रहे थे . फोन कटते ही उन्होंने अपनी सरकारी पिस्टल निकाली और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. उसके बाद तो जवानों ने भी अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू की. गोली लगने से 8 लोग जख्मी हो गए. एक युवक के सिर में गोली लगी और उसका भेजा उड़ गया . उसके बाद तो अफरा-तफरी मच गई. भगदड़ के बीच सभी लोग मां दुर्गा की प्रतिमा को छोड़कर भाग गए . लेकिन घटना के तुरंत बाद मौके पर मां दुर्गा के भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गई और लोग जिला प्रशासन पुलिस के खिलाफ विरोध पर उतर आए. नारेबाजी शुरू हो गई . हालांकि बाद में किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया गया . इस घटना को लेकर अखबार को दिए बयान में मुंगेर के एसपी लिपि सिंह ने कहा है कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान शरारती तत्वों ने पुलिस पर फायरिंग की. पुलिस के साथ अधिकारी सहित 13 जवान जख्मी हो गए हैं . उपद्रवियों की गोली से एक बच्चे की मौत भी हुई है . इस घटना को लेकर 35 लोगों को हिरासत में लिए जाने की बात कही गई है. दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने एसपी लिपि सिंह पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया है. पहले तो उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने गोली चलाई . 20 जवानों के जख्मी होने की बात कहीं. फिर 17 और बाद में 15 जवानों की सूची जारी की गई. एसपी के बयान को लेकर हर एक व्यक्ति घटना को जानबूझकर अंजाम दिए जाने का आरोप लगा रहा है. डीआईजी मनु महाराज ने घठना को लेकर अपने बयान दिए हैं और कहां है कि स्थानीय पुलिस गोली चलाने की बात से इंकार कर रही है. लेकिन पूरे घटनाक्रम की जांच की जाएगी और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
वहीं इस घटना को लेकर राजनीति गरमाई है . बिहार की विपक्षी पार्टियों ने भी एसपी लिपि सिंह की बर्खास्तगी की मांग की है, और घटनाक्रम की सीबीआई जांच की भी मांग की गई है. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने मामले की जांच और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है . राजद नेता चितरंजन गगन ने कहा मांग की है की एसपी को तत्काल निलंबित कर उसके खिलाफ जांच कराई जाए . कुल मिलाकर यह मामला तूल पकड़ने लगा है. घटना को लेकर पनप रहे आक्रोश से परेशानी बढ़ सकती है.