जयपुर. जयपुर प्रवास पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि स्वयंसेवक गतिविधियों के माध्यम से भारत का सही और सत्य समाचार पहुंचाकर राष्ट्र विरोधियों का खेल बंद करने में सक्रिय भूमिका निभाएं. साथ ही नए लोगों को गतिविधियों के कार्य में जोड़कर स्वयंसेवक बनाएं.
उन्होंने प्रांतीय कार्यकर्ताओं से अनौपचारिक संवाद करते हुए परिवार प्रबोधन, गो सेवा, सामाजिक समरसता, घुमन्तुकार्य, ग्राम विकास तथा पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया. परिवार प्रबोधन गतिविधि द्वारा परस्पर संवाद बढ़े और परिवार में साप्ताहिक बैठक शुरु हों.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार में सामाजिक समरसता के अन्तर्गत सहज एक-दूसरे के यहां आना-जाना होना चाहिए. पिछले 6 माह में संघ से जुडऩे वालों की संख्या हर वर्ग में सर्वत्र बढ़ी है. बैठक में ऐसे ही छोटे—छोटे कई विषयों को लेकर प्रत्येक परिवार को जोडऩे पर विचार हुआ. दो दिवसीय जयपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक ने रविवार को दो सत्रों में गतिविधि प्रमुखों से संवाद किया.
भागवत ने कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितियों में गतिविधियों का काम कैसे चला, इसके अनुभव सुने तथा समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के लिए चलाए गए कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि किसी भी गतिविधि का काम समाज में नया नहीं है, अपनी रुचि-प्रकृति के अनुसार पहले से कुछ लोग कर रहे हैं. इस सम्बन्ध में समाज में वातावरण बनाने की आवश्यकता है. गतिविधियों का काम समाज व्यापी है और उसका आचरण बदलने का काम है. इसकी पहल 15 लाख स्वयंसेवकों के परिवारों से होनी चाहिए जो समाज का भाव शीघ्र बदलने लगेगा.
घुमंतू समाज के उत्थान व कोरोना काल में इनके लिए किए गए कार्यों जानकारी भागवत को दी गई. पदाधिकारियों ने इसे और गति कैसे दी जा सकती, इस संबंध में अपनी बात रखी. बैठक में जल संरक्षण, पौधरोपण तथा पॉलिथीन मुक्ति के लिए प्रत्येक परिवार संकल्प करे. क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख ने सरसंघचालक को सेवा पथ स्मारिका भेंट की.
कोरोना के कारण बंद आरएसएस की शाखाओं को दोबारा शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है. जयपुर प्रांत संपर्क प्रमुख हेमंत सेठिया ने बताया कि भागवत ने इस पर चर्चा की. भागवत ने कहा कि संघ की दैनिक शाखा और दैनिक बैठकों को स्थानीय स्तर पर सरकारी निर्देशों की पालना के साथ कैसे शुरू करना चाहिए, इस पर काम किया जाए.