गुरु नानक देव जयंती पर
गुरु नानक देव जयंती पर,यह शब्द सुमन की माला है,
निज राष्ट्र प्रेम अभिनन्दन है, और सत्य कहन की ज्वाला है।
सच्चे बंदे रब ने जब जब, धरती पर आन उतारे हैं,
तो जन जन ने पूजा उनको,और जीवन स्वयं सँवारे हैं।
वो प्रथम गुरु उस मज़हब के, जो शौर्य सत्य का हामी है,
इक बंदे सब हैं ईश्वर के जो उस मत का अनुगामी है।
हिन्दू मुस्लिम या सिक्ख ईसाई इनमें भेद नहीं कोई,
मानवता के कांधों पर ही जिनकी हर इक निष्ठा सोई।
इब्राहिम लोदी ने जिनको रक्खा बरसों कारागृह में,
पर ज्योति जला अच्छाई की रक्खी गुरु नानक ने हिय में।
अंधे विश्वासों का भ्रम भी, तोड़ा सच्चे उपदेशों से,
हर एक कुरीति रीति मिटा जो रहते थे दरवेशों से।
निज धर्म रक्षा हित कितने ही बलिदानों की परिपाटी है,
जिनसे कृत कृत्य हुई हरदम इस भारत भू की माटी है।
करतार नगर ननका साहिब गुण गान करे जिनका अब तक,
गुरुमुख पंजाबी बोल सजे हैं पाकिस्तानी भी लब तक।
ईश्वर के उस अनुनायी का करती शत शत अभ्यर्थन है
गुरु नानक चरणों में नत मस्तक ही इस सोनी का तन मन धन है…..
सोनी सुगन्धा