जमशेदपुर आपकी अपनी माटी, शहर में एक बार फिर आपका जोरदार स्वागत है अभिनंदन है । आप जैसे युवा ,तेजतर्रार पदाधिकारी के सानिध्य में जमशेदपुर जिले का उत्तरोत्तर विकास सम्भव है । विकास की धमक अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक तकरीर हो सके आपसे अपेक्षित है । पूर्व में भी आपने विभिन्न पदों पर गरिमामय उपस्थिति दर्ज की है लफ्जों को पूरी शिद्दत और ईमानदारी से पूरे तेवर बरतने वाले उपायुक्त सूरज कुमार से राष्ट्र संवाद के संपादक देवानंद सिंह व उपसंपादक आरके मिश्रा की बातचीत
पूर्व से जमशेदपुर से वाकिफ और करीम सिटी कॉलेज के छात्र रहे सूरज कुमार मूल रूप से सरायकेला के रहने वाले हैं। आईआईटियन बनने के बाद उन्होंने बेंगलुरु में आईटी सेक्टर में 4 वर्ष नौकरी की। उसके बाद उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की । योगदान देने के बाद सूरज कुमार ने कई मुद्दों , भावी योजनाओं और उपस्थित चुनौतियों पर बातचीत करते हुए बेवाकी से सवालों के जबाव दिये।
सवाल : आप जमशेदपुर से पूर्व से भी वाकिफ हैं । बतौर एसडीओ और डीडीसी के रूप में आप जिला में कार्य भी कर चुके हैं। जिला प्रशासन के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं । सबसे बड़ी चुनौती आप किसे मानते हैं ?
उत्तर : सूरज कुमार का कहना था की आज के परिपेक्ष्य में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संकट से निपटना है । इस पर नियंत्रण करने के लिए बहुत सारे कार्यों को करना होगा । लोगों को जागरूक करने के अलावा उन्होंने कोरोना संकट से उबरने के लिए किए जा रहे उपायों पर ध्यान देने के लिए समुचित प्रयास करने होंगे । सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले इलाके में सेनीटाइज़ेशन की व्यवस्था अनिवार्य है । लोगों को भी सैनिटाइजर का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया जाएगा आइसोलेशन वार्ड , क्वारंटाइन की व्यवस्था पर काम करने की जरूरत है। जिला उपायुक्त का कहना था की सबसे पहले लोगों की जान बचाने की जरूरत है। इसलिए अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था भी आवश्यक शर्त है । डीसी ने इस बात पर भी बल दिया कि अगर कोरोनावायरस का संक्रमण इसी तरह तेजी से बढ़ता गया तो लॉकडाउन के समय सीमा में भी विस्तार करने की जरूरत होगी और उसे सख्ती से लागू भी किया जाएगा।
सवाल : दूसरी चुनौती आप किसे मानते हैं ?
उत्तर : इस सवाल के जवाब में नए उपायुक्त सूरज कुमार का कहना था कि जमशेदपुर एक मेजर सिटी है । यहां आवश्यक चीजों पर खर्च ना होकर इधर उधर की सरकारी योजनाओं पर अनावश्यक व्यय किए जाते हैं । इस पर नियंत्रण की जरूरत है। जरूरत के हिसाब से सरकारी धन का व्यय किया जाना चाहिए और जनहित का कार्य किया जाना चाहिए । वह इस बात पर ध्यान देंगे कि सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे । जनहित के कार्यों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य शिक्षा , चिकित्सा और अन्य संसाधन जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए जायेंगे। जिला प्रशासन के सामने यह भी एक चुनौती होगी । इतना ही नहीं समय पर सरकारी कार्य पूरे किए जाएंगे । किसी तरह के दबाव में कोई कार्य न हो इसका भी वे ध्यान रखेंगे।
सवाल : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वे कौन से कदम उठाएंगे खासकर कोरोना संकट के समय। बेरोजगारी बढ़ी है , लोग के पास साधन नहीं है , पैसे नहीं हैं , समय पर निजी स्कूलों में फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं लोग । ऐसे में आपका क्या कदम होगा ?
उत्तर : इस सवाल के जवाब में नए उपायुक्त सूरज कुमार का कहना था कि वह स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के साथ एक मीटिंग करेंगे । इस बात का प्रयास किया जाएगा कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावक एक संतुलन बनाकर शर्तों को मानें। अभिभावकों को भी परेशानी ना हो और स्कूल प्रबंधन का भी काम चलता रहे । डीसी ने सबसे अहम बात यह कही है कि लॉकडाउन की स्थिति में निजी स्कूलों को समय से फीस नहीं मिल रहे हैं । संभव है कि शिक्षकों को भी समय पर और पूरा वेतन ना मिले । ऐसे में इस बात का जिला प्रशासन प्रयास करेगा कि निजी स्कूल के शिक्षक कुछ ऐसा कार्य भी करें स्कूली शिक्षा के अलावे ताकि उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो और स्कूल से जो वेतन कम मिल रहे हैं उसकी भरपाई की जा सके । जिला उपायुक्त ने यह महत्वपूर्ण राय दी है। उन्होंने यह भी कहा कि वह स्वयं भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए इसमें रुचि दिखाएंगे और जरूरत पड़ी तो खुद भी स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के साथ बातचीत करेंगे । उन्होंने कहा कि जमशेदपुर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है । यहां प्राइवेट स्कूलों में तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लगभग मिलती है , लेकिन सरकारी स्कूलों में इसका अभाव है । वे इस बात का प्रयास करेंगे कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले । स्कूल के शिक्षक समय का ध्यान रखें और बच्चों को बेहतर शिक्षा दें। उन्होंने बताया कि समय-समय पर उनकी शिक्षा विभाग के साथ बैठकर होगी। जरूरत पड़ी तो आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जाएंगे । सरकारी नियमों और शर्तों का अनुपालन आवश्यक होगा । एजुकेशन में क्वालिटी बेशक आवश्यक है । डीसी ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है । जमशेदपुर में नेट की भी अच्छी सुविधा है। इंटरनेट का प्रयोग कर अच्छी पढ़ाई की जा सकती है । इस बात का प्रयास किया जाएगा कि बच्चों को शिक्षा के लिए नेट का उपयोग करना बताया जाए । प्राइवेट स्कूलों में भी नेट एजुकेशन पर बल दिए जाने की जरूरत है । इसके लिए वे निजी स्कूल प्रबंधन के साथ भी विचार विमर्श करेंगे । आगे उन्होंने बताया की जमशेदपुर में उन्हें काम करने का मौका मिला है । इसके लिए वे अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं और बेहतर करने की कोशिश करेंगे । जिले में जरूरतों के हिसाब से कार्य संपादित किए जाएंगे । किसी को भी गैरकानूनी कार्य करने की अनुमति नहीं होगी । जिला निवासियों से अपील भी करते हैं कि वह जिला प्रशासन को कार्यों में सहयोग दें , सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और जिले की प्रगति में जिला प्रशासन के साथ मिलकर अपनी भूमिका निभाएं । जिले की जनता से उनकी यह अपेक्षाएँ हैं।