गोपनीयता का पूरा ख्याल इशारों को अगर समझो तो राज को राज रहने दो
खबरीलाल
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन जमशेदपुर में खबरीलाल ने सोचा चलो कुछ घूम लिया जाए तो बारीडीह से शुरू हुआ याञा एमजीएम अस्पताल, साकची कदमा बिष्टुपुर होते हुए गम्हरिया से लौटा तो सोचा थोड़ा सदर अस्पताल व टीएमएच के साथ निजी अस्पतालों का भी दर्शन किया जाए और इस दौरान जो खबरीलाल को देखने सुनने को मिला वह चौंकाने वाला है एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने किट का रोना रोया तो सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने ट्रेनिंग के दौरान दिखाई गई किट ना मिलने का रोना भी रोया वही यह बात भी सामने आई कि सदर अस्पताल के एक कर्मचारी की बेटी विदेश से आई है तो दूसरे कर्मचारी की पत्नी राजधानी से लौटी है यह बेचारे डॉक्टर्स नर्स के साथ कर्मचारी दहशत के माहौल में अपना फर्ज निभाने को विवश दिखे जबकि दोनों ही लोग अपना मुँह बंद कर ड्यूटी निभा रहे हैं अब उन्हें कौन समझाए कि आप दूसरे को कोरेंनटाइन कर रहे हैं तो आप पर भी यही लागू होता है टीएमएच की व्यवस्था तो दहशत में थोड़ा ठीक रहा परंतु निजी अस्पतालों के डॉक्टर परेशान दिखे अगर कोई मरीज आ गया तो राम भरोसे .
खबरीलाल ने जो पाया और जो सुना उस पर अगर गौर करें तो कीट का रोना और गुणवत्ता का सवाल सभी जगह देखने को मिला
लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर लोगों की भीड़ तो कम दिखी परंतु सब्जी बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से अभाव देखने को मिला अब खबरीलाल लोगों को कैसे समझाएं कि पुलिस अपनी जान खतरे में डाल कर आपकी हिफाज़त के लिए सड़क पर है समझना तो आपको ही होगा