एक आत्मचिंतन भरा निवेदन
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आज नहीं तो कल ये “कोरोना”वायरस का बीमारी चला जायेगा,
पर अपने पीछे एक सिख एबं याद हमें देकर जायेगा।
हमारे देश को भव्य मूर्ति, मंदिर, मस्जिद, गिरजा, चर्च या ईमारत की जरुरत नहीं है,
बल्कि हर जिला में भव्य अस्पताल, आधुनिक थाना, शिक्षा संस्थान, स्वच्छ शासन- प्रशासन एबं मिडिया की जरुरत है।
जिसका दरवाजा मानवता का सेवा एबं भलाई के लिये किसी भी परिस्थिति में बंद नहीं होता है।
जो अमीर, गरीब, जाति, धर्म एबं भाषा का भेद किये बिना शिर्फ़ सेवा के लिए सदैव तत्पर रहता है।
गलती हो तो क्षमा प्रार्थी, आप सभी का मंगल कामनाकारी:-
मो0 रफिक हुसैन, बाघाशोला कुंडहित।जामताड़ा।
(ये माननीय रफीक साहब का निजी विचार है)
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