????️ज्यौतिषीय भविष्यवाणी और कोरोनावायरस???????? प्रश्र:-
कब तक हो सकता है कोरोनावायरस की समाप्ति?
????️???? उत्तर:– ज्योतिष के अनुसार बाइस अप्रैल के बाद ही संभव होगा कोरोनावायरस की धीरे-धीरे समाप्ति क्योंकि:——
✍️ बाइस मार्च को मंगल और शनि मकर राशि में एकत्रित हुए, पांच मई तक यह संयोग बना रहेगा
????????मंगल और शनि की युति को इन्द्रजाल योग कहा जाता है, इसमें कुछ पतित विचारों की जनता और राजनेताओं की बुद्धि मारी जायेगी,वो सरकार और डॉक्टरों की सावधानी को भी षड्यंत्र मानेंगे, कहीं कहीं नये संक्रमण का भी आगमन हो सकता है।अग्नि ग्रह मंगल और वायु ग्रह शनि प्रर्यावरण को शुद्ध नहीं होने देंगे
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कुछ पतित राजनेता और कुछ देश विरोधी धर्मगुरु लोग इस विपरीत परिस्थिति में सरकार और डॉक्टरों के सलाह को भी राजनैतिक रूप देकर जनता को भ्रमित करेंगे और कुछ मूर्ख जनता लाकडाउन को स्वीकार नहीं करेंगे, दूसरे को भी बीमारियों से ग्रस्त करने पर तुले रहेंगे
????????किंतु शनि और मंगल से बारहवें वृहस्पति इस इन्द्रजाल को समाप्त करेंगे और अधिकांश जनता लाकडाउन को स्वीकार कर देश को कोरोनावायरस से बचाने में सहायक सिद्ध होंगे
????️????️???? इसी बीच सूर्य देव चौदह अप्रैल को अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश कर जायेंगे फिर बाइस अप्रैल आते आते और शनि मंगल के इंद्रजाल को समाप्त कर देंगे । डाक्टरों को नई ऊर्जा मिलेगी, सूर्य देव के प्रभाव बढ़ने से लोगों को चिकित्सा का अधिक लाभ मिलने लगेगा
नये संक्रमण लगभग बंद हो होने लगेगा, लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जायेगी और कोरोनावायरस समाप्त होने लगेगा????????????????????
फलस्वरूप बाइस अप्रैल के बाद यह कोरोनावायरस वैश्विक स्तर पर समाप्त होने लगेगा तथापि पांच मई तक प्रभाव रहेगा ही, पांच मई को मंगल कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे । ????????रोग फैलाने वाले संक्रमण बहुत कमजोर हो जायेंगे, फिर वृहस्पति मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे और तीस जून को वापस अपनी धनु राशि में आ जायेंगे????
????????????????कुल मिलाकर बाइस अप्रैल तक हमें समुह में और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से सावधान रहना होगा, पतित विचारों वाले देश विरोधी धर्मगुरु और राजनेताओं के बहकावे से कठोरता पूर्वक बचना होगा हमें
???????????? बाइस अप्रैल तक कोरोनावायरस और कुछ दूसरे संक्रमण का भय बना ही रहेगा
पूरे विश्व में आर्थिक और शारीरिक सुधार पूर्ण रूप से सितंबर के बाद ही संभव होगा।।
????✍️ मित्रों! ये मेरी निजी गणना है। मैंने चार नवंबर दो हजार उन्नीस को ही सावधान कर दिया था अज्ञात रोगों से वैश्विक समस्या की जब गुरु धनु राशि में केतु और राहु के गुरु चांडाल योग मे आ रहे थे पांच नवंबर कोऔर ठीक चार नवंबर दो हजार उन्नीस के तुरंत बाद नवंबर में ही चीन में सबसे पहला केश सामने आया था कोरोनावायरस का
डॉ सुधा नन्द झा ज्यौतिषी जमशेदपुर मूल गांव राढ़ी दरभंगा मिथिला