प्रकाशनार्थ: एमजीएम की घटना पर भाजपाइयों ने की उपायुक्त से मुलाकात, पीड़िता को न्याय दिलाने हेतु सौंपा मांगपत्र।
इतनी बड़ी घटना पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अब तक का व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना: भाजपा
मामले की लीपापोती ना हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन को जांच टीम से दूर रखा जाए: दिनेश कुमार
शनिवार, जमशेदपुर: जमशेदपुर महानगर जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार के नेतृत्व में महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण के संग भाजपाइयों ने मंगलवार को जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से पिछले दिनों कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में हुए दुष्कर्म जैसे संगीन कुकृत्य पर न्यायपूर्ण कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भाजपाइयों ने बिंदुवार मांगों को रखते हुए उपायुक्त से पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। ज्ञापन में भाजपा ने दुष्कर्म पीड़िता के ईलाज हेतु सरकारी ख़र्च पर समुचित प्रबंधन करने की माँग की है, जिससे वे स्वाभिमानपूर्वक जीवन यापन कर सकें। इस हेतु उनके लिए समुचित नौकरी का प्रबंधन सरकारी स्तर से कराये जाएँ। दुष्कर्म के आरोपी की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित किये जायें। पुलिसिया जाँच को प्रभावित करने तथा दुष्कर्म की घटना पर पर्दा डालने का कृत्य करने वाले एमजीएम अस्पताल के दोषी अधिकारियों/डॉक्टरों/कर्मियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज़ कराई जाए। इसके साथ ही उनपर सरकारी सेवक नियमावली के प्रावधानों के अनुसार तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। दुष्कर्म पीड़िता को शीघ्रातिशीघ्र न्याय मिल सके इस निमित्त इस मामले की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनिश्चित कराई जाये। ज्ञापन में अस्पताल के सिक्योरिटी ऑडिट कराने की मांग की गयी है। वहीं, एमजीएम अस्पताल प्रशासन के वरीय अधिकरी को जांच टीम से बाहर करने की मांग की गयी, ताकि मामले की लीपापोती ना हो एवं लापरवाह अधिकरी समेत दोषियों को कड़ी सजा मिले। भाजपा के पूरे प्रकरण की सत्यता उज़ागर करने व अविलंब मामले का उद्भेदन कराने की माँग की है। इस अवसर पर भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में इतनी बड़ी घटना हो जाना अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाता है। घटना को दबाने एवं लीपापोती हेतु हरसंभव प्रयास करना अस्पताल अधीक्षक व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा विफ़लता को छिपाने की मंशा जाहिर करता है। सदन में भाजपा विधायक अनंत ओझा द्वारा एमजीएम घटना पर उठाये गए सवाल पर मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा कोई ठोस जवाब ना देना और कहना कि मामला सस्पेक्टेड (संदेहास्पद) है, उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। घटना के दिन पर जिम्मेदार लोगों को केवल शोकॉज करना भी न्यायपूर्ण प्रतीत नही हो रहा, जबकि घटना सीसीटीवी में कैद है। पीड़ित महिला ने स्वयं जिला प्रशासन के समक्ष आपबीती बताकर एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होनें इस मामले की तीव्र भर्त्सना की। कहा कि मामले में अबतक अभियुक्त दुष्कर्मी की गिरफ्तारी ना होना अत्यंत चिंताजनक विषय है। वहीं एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक समेत इस मामले पर पर्दा डालने में संलिप्त अस्पताल प्रशासन एवं कर्मी भी साक्ष्य छिपाने और मामले को दबाने के दोषी हैं। कई प्रमुख समाचार पत्रों को भी गलत तथ्यों की जानकारी देते हुए दुष्कर्म के मामले को छिपाने और गुमराह करने का हर संभव प्रयास एमजीएम अस्पताल प्रशासन द्वारा किया गया। उक्त कृत्य भी अपराध की श्रेणी में आती है तथा सरकारी सेवक के आचरण के विपरीत किया जाने वाला अपराध भी है। दुष्कर्म पीड़िता महिला के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए न्याय की माँग करती है।
प्रतिनिधि मंडल में दिनेश कुमार, कल्याणी शरण, मनोज सिंह, राजकुमार श्रीवास्तव, जटाशंकर पांडेय, बबुआ सिंह, हलधर नारायण साह, भूपेंद्र सिंह, बारी मुर्मू, अनिल मोदी, चंद्रशेखर गुप्ता, राकेश सिंह, धर्मेंद्र प्रसाद, मोचीराम बाउरी, काजू सांडिल्य, बिमल बैठा, अमरजीत सिंह राजा, अंकित आंनद, प्रेम झा, दीपू सिंह, राकेश साव,अमरेंद्र पासवान, संदीप शर्मा बॉबी, मंटू चरण दत्ता, कृपासिंधु महतो, सुजीत अम्बष्ठ, गणेश विश्वकर्मा, त्रिदेव चट्टराज, चंचल चक्रवर्ती, मुकेश ठाकुर, कन्हिया पुष्टि, संगीता शर्मा, मनोज शर्मा, रवि पांडेय, विजय सिंह, राजीव सिंह, रविन्द्र सिंह, शत्रुघन गिरी, अभिषेक सिंह, एस कार्तिक, विनोद गुप्ता, पिंटू साह, गौतम प्रसाद, विक्रम सिंह एवम अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।