बीजिंग: चीन में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. हर रोज वायरस के मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अभी तक यहां वायरस से 908 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40,171 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.बताया जा रहा है कि चीन अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहा है, खासतौर पर उसने मरीजों के लिए नए अस्पतालों का भी निर्माण करवाया है, लेकिन फिर भी मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है.ये वायरस ना केवल चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ ये वायरस अब तक दुनिया के करीब 25 देशों में दस्तक दे चुका है.कई अन्य देशों में ना केवल इसके मामलों की पुष्टि हो रही है, बल्कि कुछ लोगों की मौत भी हो गई है. भारत के केरल राज्य में भी तीन लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. जिसके बाद यहां राजकीय आपातकाल भी घोषित किया गया था. हालांकि अब यहां स्थिति नियंत्रण में है.इसी बीच ऐसी अफवाह भी फैल रही है कि चीन ने अपने 20 हजार कोरोना वायरस के मरीजों को मारने के लिए कोर्ट से मंजूरी मांगी है, ताकि इस महामारी पर रोक लगाई जा सके. हालांकि चीनी प्रशासन ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. चीनी प्रशासन ने कहा है कि ये बात एकदम झूठ है और चीन की सरकार इस बीमारी से पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है.मामले में चीनी दूतावास के हवाले से कहा गया है कि उन्हें ऐसी खबरों के कई लिंक मिल रहे हैं, जो कि किसी भी रूप से बिल्कुल सही नहीं है. दूतावास का कहना है कि ऐसी अफवाहें फैलाना बंद करें क्योंकि यह सरासर झूठ है. साथ ही चीनी दूतावास ने ऐसे कई प्रयासों के बारे में जानकारी दी है, जिससे कोरोना वायरस को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है.वहीं अमेरिका ने भी कोरोना वायरस की चपेट में आए चीन और अन्य देशों की मदद के लिए 10 करोड़ डॉलर दिए जाने की घोषणा कर दी है. अमेरिका ने अन्य देशों से भी संकट से निपटने के लिए आगे आने की अपील की है.अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा है कि हम बाकी दुनिया को अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, इस खतरे से निपटने में हम बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बताया कि अमेरिका से वस्तुओं की एक खेप वुहान पहुंच चुकी है. ये वही शहर है जहां से ये बीमारी फैसला शुरू हुई थी और यहीं से इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसके अलावा भारत ने भी चीन को मदद की पेशकश की है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखते हुए मदद की पेशकश की. साथ ही मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. प्रधानमंत्री मोदी ने हुबेई प्रांत से भारतीयों को निकालने के लिए चीनी सरकार की ओर से दी गई सुविधाओं के लिए भी जिनपिंग प्रशासन की सराहना की है.