नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली में हर वर्ष गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी की शाम को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने इसका प्रदर्शन किया गया. चार दिनों तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ ही होता है. 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह की तरह यह कार्यक्रम भी देखने लायक होता है.
यह रहा आकर्षण
– बीटिंग रिट्रीट समारोह का समापन हो गया है. सेना की सभी टुकडिय़ा बैंड बाजे के साथ अपने बैरक पर वापस चली गई हैं. राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और कई अन्य सरकारी इमारतों को सुंदर लाइटों से सजाया गया है.
– बीटिंग रिट्रीट के समापन के बाद रायसीना हिल को तिरंगे की लाइटों से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को सजाया गया है.
– समारोह के चलते कई मार्ग बंद किए गए हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को इन मार्गों से बचने की सलाद दी है.
– विजय चौक पारंपरिक धुन पर तीनों सेनाओं की धुन बजाई जा रही है. समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम माथुर मौजूद रहे.
– बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी बहुत पुरानी परंपरा है. इसे सूरज ढलने के बाद मनाते हैं. भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत साल 1950 में हुई थी.
– 1950 के बाद बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को दो बार रद करना पड़ा था. पहली बार 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण और दूसरी बार 27 जनवरी 2009 को 8 वें राष्ट्रपति वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद निधन होने के कारण रद हुआ था.
– विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह हो रहा है. समारोह भारतीय सशस्त्र बलों के तीन विंगों द्वारा किया जा रहा है.
– सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है. दुनियाभर में बीटिंग रिट्रीट की परंपरा रही है. लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रखकर अपने कैंप में जाती थीं, तब एक संगीतमय समारोह होता था, इसे बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है.