समर्पण शुचिता का उत्कर्ष है छठ
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सूर्य की अनुकंपा से ये सृष्टि है,
है धूप – प्रकाश और वृष्टि है
सूर्य पूजन का है अद्भुत महत्व,
इसमें निहित छठ व्रत का तत्व ।
समर्पण ,शुचिता का उत्कर्ष ये छठ,
घर -आंगन का आत्मिक हर्ष ये छठ ।
इस व्रत से जुड़ता है गांव – शहर,
छठी मैया के गीत हर डगर – पहर।
कद्दू भात, खरना, अरग का भाव,
त्रि-दिवस विशेष , विस्तृत प्रभाव।
प्रकृति पूजक छठ का निर्मल विचार,
है छठ का संदेश, बने समरस संसार।
:–डॉ कल्याणी कबीर


