✍निजाम खान,जामताड़ा
झारखंड के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन,माता रूपी सोरेन से आशीर्वाद लेकर वर्ष 2019 के 29 दिसंबर रविवार दोपहर 2:17 बजे रांची स्थित मोहराबादी मैदान में शपथ ग्रहण किया।यह शपथ राज्य की महामहीम राज्यपाल द्रौपदि मुर्मू ने दिलाया।वही कांग्रेस से आलमगिर आलम, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर उरांव और राजद से सत्यानंद भोक्ता को भी मंत्रीपद की शपथ दिलायी गयी।बता दे हेमंत सोरेन की यह दूसरी ताजपोशी है।हेमंत ने 13 जुलाई 2013 से 27 दिसंबर 2014 तक 532 दिन की सरकार चलाई।जो सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे।हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े।दोनों विस क्षेत्र से हेमंत ने जीत हासिल किया।बरहेट में पूर्व में विधायक थे।जबकी दुमका से राज्य की समाज कल्याण मंत्री डा लुईस मरांडी को हाराया।हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले मोहराबादी स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया उसके बाद सिद्धो-कान्हू पार्क व बिरसा चौक पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ लेने के लगभग साढ़े तीन घंटे बाद की कैबीनेट की पहली बैठक की।जिसमें सीएम हेमंत ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट,पत्थलगाड़ी मामला,आंगनवाड़ी सेविका-साहियिका व पारा शिक्षको वेतन भुगतान,नाबालिग व महीला यौण उत्पीड़न सहित कई गंभीर मामले का जल्द निष्पादन करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है शपथग्रहण समारोह में विपक्षीयों को शक्ति प्रदर्शन दिखाने का मौका भी प्राप्त हुआ।जिस तरह से विपक्षीयों ने शपथग्रहण के पश्चात् हाथ से हाथ मिलाया।वह केंद्र की मोदी सरकार को विपक्ष ने अपना एकता दिखाया।
*महागठबंधन को मिली बहुमत:* इस विस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा,कांग्रेस और राजद ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा।जिसमें महागठबंधन ने 47 सिट जित कर बहुमत हासिल किया।झामुमो ने अकेले 30 सिट पर कब्जा जमाया।कांग्रेस ने 16 सिट और राजद ने 1 सिट पर कब्जा जमाया।इसके आलावा झाविमो को 3 सिट,आजसू को 2 सिट और अन्य को 4 सिट मिली।
भाजपा का 65 पार सपना नही हुआ पूरा: लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नारा दिया था कि अबकी बार 3 सौ की पार।जो भाजपा ने मोदी और शाह के नेतृत्व में करके दिखाया था।वही उसी नारे को भाजपा कापी कर अबकी बार 65 पार का नारा दिया था।जबकी भाजपा 25 सिटों पर सिमट कर रह गयी।भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत की भी बात कही थी।पर कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से नर्मी बरत कर भाजपा की सत्ता को छिनने में सफल दिखाई दिया।
मुख्यमंत्री को अपनी भी सीट गवानी पड़ी: झारखंड की विधानसभा चुनाव में कई दिलचस्प मोड़ दिखने को मिला।या यूं कहे कि झारखंड के चुनाव से राजनीतिक पार्टियों को बहुत कुछ सिख मिला।पूर्व मुख्य मंत्री रघुवर दास अपनी सिट भी बचा नही पाये।जिस पर भाजपा की प्रतिष्ठा टिकी हुई थी।जहां से वे लगातार 5 बार विधायक रह चूके है।पूर्वी जमशेदपुर से रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय सरयू राय ने चुनाव लड़ा।जिसमें रघुवर को हार मिली और सरयू राय जीत सुनीश्चित किया।जो रघुवर के कैबीनेट में खाद्य मंत्री रह चूके है।इसके आलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा,विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव,समाज कल्याण मंत्री डा लुईस मरांडी भी हार गये।
भाजपा की हार की वजह: भाजपा का लोकसभा में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच राज्य राजस्थान,छत्तीसगढ,मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र और झारखंड में अपनी सत्ता गवा दिया।झारखंड में भाजपा के सत्ता गवाने के कई कारण देखे जा रहे है।झारखंड आदिवासी बाहुल क्षेत्र है।भाजपा ने सीएम का चेहरा रघुवर का ही रखा।किसी आदिवासी चेहरा को सामने नहीं लाया।राज्य के पारा शिक्षकों का,आंगणवाड़ी सेविकाओं का रघुवर के प्रति काफी आक्रोश था।सिट शेयरींग को लेकर अपने सहयोगी दल आजसू के साथ गठबंधन भी नही हो सका।चुनाव प्रचार के दौराण भाजपा ने क्षेत्रीय मुद्दा को तवज्ज न देकर राष्ट्रीय मुद्दा पर ज्यादा जोर दिया।
महागठबंधन को इस वजह पहूंचा फायदा: झामुमो,कांग्रेस और राजद ने चुनाव की तारिख की घोषणा होने से पहले सिट शेयरींग को लेकर गठबंधन कर लिया।इससे महागठबंधन को ज्यादा फायदा पहूंचा।चुनाव प्रचार के दौराण महागठबंधन ने राष्ट्रीय मुद्दा से ज्यादा क्षेत्रीय मुद्दा को तवज्ज दिया।जो महागठबंधन के लिये दूध चीनी के बराबर माना जा रहा है।वैसे तो झारखंड राज्य देशभर में देखा जाये तो अमीर राज्य है।क्योंकि यहां खनीजों का भंडार है।पर अमीर राज्य होने के बावजूद भी झारखंड गरीब राज्य है।यहां के लोगों को जल,जंगल,जमीन,रोजगार की चिंता है।जिसको महागठबंधन ने काफी जोरशोर से चुनाव प्रचार के दौराण उठाया।
शपथ ग्रहण समारोह में ये थे शामील: हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री सपथ ग्रहण समारोह में मुख्य रूप से राज्यपाल द्रौपदि मुर्मू,वायनाड सांसद सह पूर्व राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी,पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी,राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत,छत्तीसगढ़ के सीएम भुपेश बघेल,बिहार के पूर्व सीएम जितन राम मांझी,असम के पूर्व सीएम तरूण गोगोई,सीपीएम के राष्ट्रीय सचिव सीताराम येचूरी,राजद नेता सह बिहार प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव,झामुमो केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सीए शिबू सोरेन,झरखंड के प्रथम मुख्य मंत्री बाबुलाल मरांडी,पूर्व सीएम रघुवर दास,पूर्व सीएम मधुकोड़ा सहित कई गणमान्य मौजूद थें।