*मुख्यमंत्री बनते ही हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, पत्थलगड़ी मामले में हजारों लोगों पर से देशद्रोह का केस वापस*
*6 जनवरी को विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और 7 को विधानसभा अध्यक्ष का चयन किया जाएगा*
रांची, शपथ लेते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़े और कड़े फैसले लिए। सीएम ने पत्थलगड़ी मामले में देशद्रोह का केस झेल रहे हजारों लोगों को राहत देते हुए मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही 6 जनवरी से 8 जनवरी तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसके लिए स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर चुना गया। इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। 6 जनवरी को विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और 7 को विधानसभा अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। 7 को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इस सत्र में वित्तीय वर्ष 19-20 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश होगा।
कैबिनेट के फैसलों के मुताबिक सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने वालों पर दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे। सरकारी स्तर पर सभी रिक्तियों को प्राथमिकता पर भरा जाएगा। सभी उपायुक्त प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर लंबित भुगतान को पूर्ण करेंगे। अनुबंध कर्मियों आंगनबाड़ी सेविका लोगों को पेंशन छात्रवृत्ति और पारा शिक्षकों को बकाया मानदेय का भुगतान होगा। सभी उपायुक्त एवं नगर आयुक्त गरीबों के बीच कंबल एवं ऊनी टोपी का वितरण करेंगे।
नई सरकार बनने के बाद यह कैबिनेट की पहली बैठक है। इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तीन मंत्री भी मौजूद हैं। इनमें रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता शामिल हैं। इससे पूर्व झारखंड मंत्रालय पहुंचने पर यहां के कर्मियों ने हेमंत सोरेन का स्वागत किया और जिंदाबाद के नारे लगाए। इसके बाद हेमंत सोरेन ने लोगों को जिंदाबाद के नारे लगाने से मना किया। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर काम करना है, नई गति से काम करना है। कहा कि सभी अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार काम करें। झारखंड को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं ताकि हम गौरव से कह सकें कि हम झारखंड के नागरिक और झारखंड के कर्मचारी हैं।