- जांच से पहले गिरफ्तारी और मीडिया ट्रायल पर उठने लगे सवाल
देवानंद सिंह
नई दिल्ली : हरियाणा के हिसार में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि उन्होंने संवेदनशील दस्तावेज़ विदेशी एजेंसियों को भेजे, लेकिन अब तक उनके खिलाफ गद्दारी का कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है, मगर सवाल यह है कि क्या गिरफ्तारी से पहले पर्याप्त तथ्यों की पुष्टि की गई थी?
लोकतंत्र में किसी नागरिक को ‘गद्दार’ करार देना अत्यंत गंभीर आरोप है, और जब यह आरोप किसी महिला पर लगे तो मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। मीडिया का भी रवैया सवालों के घेरे में है, क्योंकि बिना मुकम्मल जानकारी के कुछ चैनलों ने उन्हें ‘देशद्रोही’ तक कह दिया। अगर, जांच में मल्होत्रा निर्दोष पाई जाती हैं, तो क्या मीडिया को सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगनी चाहिए?
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, महिला से जुड़ा भी है, जो निश्चित रूप से प्रेस स्वतंत्रता, नागरिक अधिकार और जिम्मेदार पत्रकारिता पर भी सवाल खड़े करता है। लोकतंत्र में जल्दबाज़ी में की गई कार्रवाई और मीडिया ट्रायल, दोनों ही न्याय की बुनियादी भावना के विरुद्ध हैं।