डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का नाम बदलना एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम :सुनील दे
राष्ट्र संवाद संवाददाता
पोटका। झारखंड सरकार के द्वारा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का नाम बदला जाना सरकार का एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। जिसका जितनी भी निंदा की जाए कम है। उक्त आशय की बात क्षेत्र के जाने माने साहित्यकार तथा बुद्धिजीवी सुनील कुमार दे ने कहा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का राज्यभर में विरोध हो रहा है जो जायज भी है। किसी एक बिभूति को सम्मान देने के लिए दूसरे एक बिभूति को अपमान करना अनुचित और निंदनीय है। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी कोई विदेशी तथा मुगल और अंग्रेज शासक नहीं थे। बल्कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक राष्ट्रवादी राज नेता थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक स्वाधीनता संग्रामी, एक शिक्षाविद,एक चिंतक और एक राजनैतिक पार्टी का संस्थापक भी थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महान बिभूति को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखा गया था। अचानक यूनिवर्सिटी का नाम बदलने का कदम समझ से परे है। इसलिए एक झारखंडवासी होने के नाते झारखंड सरकार से मेरा नम्र निवेदन है कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम पूर्ववत रखा जाए।
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