गरीबों का बैकलॉग राशन भी कालाबाजारी की भेंट चढ़ा
*हल्दीपोखर के ग्रामीणों ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग*
**ग्रामीणों का आरोप – अप्रैल, मई और जून महीने की चीनी, 18 क्विंटल गेहूं, 2.5 क्विंटल चावल और करीब 450 धोती-साड़ी की हुई कालाबाजारी*
राष्ट्र संवाद संवाददाता
पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड अंतर्गत पश्चिमी हल्दीपोखर पंचायत के सैकड़ो राशन कार्डधारियों ने जन वितरण प्रणाली की निलंबित दुकानदार उत्पल बोस द्वारा बैकलॉग राशन की कालाबाजारी किए जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि अक्टूबर और नवंबर महीने का गेहूं, चावल, चीनी, साथ ही धोती-साड़ी जैसे जरूरी सामान उन्हें अब तक नहीं मिला है और यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि यह राशन उन्हें मिलेगा भी या कालाबाजारी की भेंट चढ़ गया।
फिलहाल ग्रामीण पंचायत के दूसरे डीलर भृगु कालिंदी से राशन ले रहे हैं, लेकिन बैकलॉग राशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जब वे भृगु कालिंदी से बैकलॉग की मांग करते हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि वह राशन उन्हें मिला ही नहीं है। वहीं जब ग्रामीण पूर्व डीलर उत्पल बोस से संपर्क करते हैं, तो वह टालमटोल और धमकी भरा व्यवहार करते हैं।
जानकारी के अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में अप्रैल, मई और जून महीने की चीनी, 18 क्विंटल गेहूं, 2.5 क्विंटल चावल और करीब 450 धोती-साड़ी का वितरण नहीं दिख रहा है, जिससे ग्रामीणों को संदेह है कि यह सारा सामान गोदाम से गायब होकर बाजार में बेच दिया गया है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जब जिला स्तर से जांच टीम आई थी, तब जांच प्रक्रिया एकपक्षीय तरीके से की गई और शिकायतकर्ताओं से संवाद नहीं किया गया। इससे वे संतुष्ट नहीं हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी उन्होंने इस मामले को 28 दिसंबर 2024 को उपायुक्त के समक्ष उठाया था परंतु कोई कारवाई नहीं हुई जिससे वो काफी निराश है.
*ज्ञापन देने वालों में शामिल ग्रामीण:*
जिकरुल हुदा, जमाल खान, अब्दुल हयात, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद जमील, मोहम्मद नाजिम, वाजिद अली, मोहम्मद राजू, एमडी बाबू, जकी अनवर, मसरूल हुडा, मोहम्मद इरशाद, बबलू खान, अजमल कसाब, अत्ताउल्लाह खान, और हिदायतुल्लाह जैसे कई ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर अपनी मांग रखी।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
बैकलॉग राशन की तुरंत रिकोवरी कर वितरण सुनिश्चित किया जाए। निष्पक्ष और पुनः जांच कराई जाए जिसमें शिकायतकर्ताओं की भी सुनवाई हो। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।