कोल्हान का सबसे बड़ा एमजीएम अस्पताल बना बदइंतजामी का शिकार, इमरजेंसी में मचा हंगामा
राष्ट्र संवाद संवाददाता
शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम (महात्मा गांधी मेमोरियल) में शनिवार रात इमरजेंसी वार्ड में जमकर हंगामा हुआ। मानगो के जवाहर नगर रोड नंबर 15 निवासी दीपक शेट्टी अपने तीन वर्षीय बेटे रोशन शेट्टी को शाम 6 बजे अस्पताल लाए थे। बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था, पर अस्पताल में एंटी-रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं था।
परिजन लगभग दो घंटे तक अस्पताल परिसर में दवा की तलाश में भटकते रहे, लेकिन कहीं भी इलाज के लिए जरूरी दवा उपलब्ध नहीं हुई। आखिरकार मजबूरी में दीपक शेट्टी को उधार लेकर बाहर से 2080 रुपये में दवा खरीदनी पड़ी। दीपक पेशे से एक भाड़े की टेंपो चलाते हैं।
करीब रात 8:30 बजे जाकर बच्चे का इलाज शुरू हो पाया। इस दौरान परिजनों ने भाजपा नेता विमल बैठा को पूरे मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही विमल बैठा एमजीएम अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन से सवाल किया कि जब कुत्ते काटने की सामान्य दवा तक उपलब्ध नहीं है, तो गंभीर बीमारियों का इलाज कैसे संभव होगा?
विमल बैठा ने मामले की शिकायत अस्पताल अधीक्षक से करने की बात कही है। अस्पताल की इस लापरवाही से एक बार फिर एमजीएम की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।