पहलगांव में हिंदू विरोधी धार्मिक नरसंहार , हमारे राष्ट्र के सम्मान और स्वाभिमान के ख़िलाफ़ एक बड़ा हमला – काले
राष्ट्र संवाद संवाददाता
२२ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुई हिंदू विरोधी धार्मिक नरसंहार ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। यह कोई सामान्य हमला नहीं बल्कि यह सोची-समझी, सुनियोजित और घृणित मानसिकता से की गई वहशत थी, जिसमें बेगुनाह सैलानियों को उनके नाम और धर्म पूछ-पूछ कर उनके परिवार के सामने उन्हें गोलियों से भून दिया गया।
जहाँ एक तरफ जहाँ पूरा देश कश्मीर की अमन और शांति की बहाली के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी तरफ आतंक के ये दलाल एकता, सौहार्द और पर्यटन के माहौल को बिगाड़ने की साज़िश रच रहे हैं। इस कायराना हरकत की कठोरतम शब्दों में निंदा करता हूँ और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं माननीय गृहमंत्री अमित शाह से अपील करता हूँ कि इन नरभक्षियों और उनके समर्थकों को इस धरती पर एक पल के लिए भी बख्शा न जाए।
यह केवल आतंकवाद नहीं, यह लक्षित नरसंहार है और इसका जवाब भी उतना ही निर्णायक, उतना ही स्पष्ट और उतना ही कठोर हो जिसकी गूँज पूरे विश्व को सुनाई देनी चाहिए ।
घटना में मारे गए सभी श्रद्धालु-सैलानियों को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। उनकी मृत्यु न केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे देश की पीड़ा है।
भारत अब चुप नहीं रहेगा।
आतंकवाद के हर पोषक को मुँहतोड़ जवाब मिलेगा।
कश्मीर भारत का था, है और रहेगा और वहां अमन का सूरज फिर से उगेगा।