कब तक होता रहेगा बालू का अवैध खनन और कालाबाजारी
भाग 1
देवानंद सिंह
गत दिनों बहरागोड़ा के उप प्रखंड प्रमुख मनोरंजन होता उर्फ मुन्ना होता समेत तीन लोगों के खिलाफ बालू तस्करी का मामला बहरागोड़ा थाना में दर्ज हुआ है। इससे पूर्व बीते 27 फरवरी को भी होता के खिलाफ बालू तस्करी का मामला दर्ज किया गया था। पिछले दो सप्ताह दौरान दूसरी बार प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राज्य में बालू के अवैध खनन और कालाबाजारी के मामले एक गंभीर समस्या बन गए हैं, जिसका सीधा असर न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है, बल्कि यह राज्य की राजनीति में भी उथल-पुथल का कारण बन गया है।
बहरागोड़ा में हाल ही में बालू तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और उसके बाद जो राजनीतिक बवाल खड़ा हुआ, वह इस संकट की गहरी परतों को उजागर करता है। बालू के अवैध खनन और कालाबाजारी की इस प्रवृत्ति के पीछे केवल आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि राज्य के राजनीतिक ताने-बाने में भी कई उलझी हुई कड़ियां छिपी हुई हैं वहीं खनन विभाग भी पाक साफ नहीं है करवाई को दिखावटी कह सकते हैं
बहरागोड़ा मामले में घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्रा की सूचना पर, पुलिस और खनन विभाग ने दूधियाशोल में छापेमारी की, जहां करीब 26 हजार सीएफटी बालू जब्त किया गया। यह एक मात्र उदाहरण है खनन विभाग को जब ऊपर से दबाव आता है तब कार्रवाई होती है,
इसी मामले में जब प्रशासन ने सख्ती दिखाकर तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन यह केवल एक बर्फ की ऊपरी परत भर है। अवैध बालू खनन और तस्करी झारखंड के कई हिस्सों में जारी है। बहरागोड़ा में यह मामला एक बार फिर चर्चा में आया है,क्योंकि इसके साथ राजनीति भी जुड़ी हुई है।
*क्रमशः*