उत्तराखंड हिमस्खलन : बचाए गए 50 श्रमिकों में से चार की मौत; पांच की तलाश जारी
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर में हिमस्खलन के कारण बर्फ के नीचे दबे 50 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन चार श्रमिकों की शनिवार को मौत हो गई। बचाव दल शेष पांच श्रमिकों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है।
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि बचाव अभियान में छह हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं। इनमें तीन भारतीय थल सेना के, दो भारतीय वायुसेना के और एक सेना द्वारा किराए पर लिया गया असैन्य हेलीकॉप्टर शामिल है।
शुक्रवार रात तक 33 लोगों को बचा लिया गया।
सेना के अनुसार, शुक्रवार सुबह 5:30 से छह बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के बीच बीआरओ शिविर के पास हिमस्खलन हुआ, जिससे आठ कंटेनर और एक शेड के अंदर 55 श्रमिक दब गए।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘50 मजदूरों को बचा लिया गया है, जिनमें से दुर्भाग्यवश चार घायलों की मौत की पुष्टि हो गई है, जबकि शेष पांच की तलाश जारी है।’’ उन्होंने कहा कि घायलों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है।
प्रवक्ता के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) सेंट्रल कमांड और लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्रा जीओसी उत्तर भारत क्षेत्र बचाव कार्यों की निगरानी के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता ने कहा कि सड़क मार्ग से आवाजाही मुमकिन नहीं है, क्योंकि यह बर्फ से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ-जोशीमठ राजमार्ग 15-20 स्थानों पर अवरुद्ध है।
बीआरओ कैंप में आठ कंटेनर थे, जिनमें से पांच का पता लगा लिया गया है, जबकि तीन का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि अब तक बचाए गए मजदूरों में से पांच कंटेनर में पाए गए।