दलमा जंगल में फिर दिखा बाघ, वन विभाग की ट्रैप कैमरे में कैद हुई तस्वीर
जमशेदपुर: झारखंड के दलमा वन क्षेत्र में एक बार फिर बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई है। वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरे में उसकी तस्वीरें कैद हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पर्यावरण और जैव विविधता के लिए एक सुखद संकेत है, क्योंकि बाघ को अब दलमा जंगल रास आने लगा है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह बाघ पिछले एक महीने से घाटशिला, चाकुलिया और दलमा के जंगलों में घूम रहा है। वह अब जंगल के अंदरूनी हिस्सों में ही बना हुआ है और इंसानों से दूरी बनाए रख रहा है। डीएफओ शब्बा आलम ने बताया कि बाघ की गतिविधियों को वन विभाग की टीम लगातार मॉनिटर कर रही है, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाघ की लगातार उपस्थिति यह संकेत देती है कि दलमा का जंगल अब उसके रहने योग्य बन रहा है। यदि यह सिलसिला जारी रहता है, तो दलमा वन क्षेत्र में स्थायी रूप से बाघों का बसेरा हो सकता है। वन विभाग इस संभावना पर गहराई से विचार कर रहा है और आवश्यक कदम उठाने की योजना बना रहा है।
डीएफओ शब्बा आलम ने कहा कि बाघ फिलहाल जंगल के अंदर ही रह रहा है और उसकी गतिविधियां ट्रैप कैमरों में कैद हो रही हैं। वन विभाग पूरी तरह सतर्क है और लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।
वन विभाग ने बाघ की सुरक्षा और उसकी गतिविधियों की निगरानी के लिए एक विशेष टीम तैनात की है। इस टीम के सदस्य बाघ के मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं और ट्रैप कैमरों के जरिए उसकी लोकेशन को ट्रैक कर रहे हैं। यदि बाघ की स्थायी मौजूदगी दलमा जंगल में बनी रहती है, तो सरकार और वन विभाग यहां बाघों के संरक्षण के लिए विशेष योजना पर काम कर सकते हैं।
बाघ की लगातार मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि दलमा वन क्षेत्र धीरे-धीरे एक सुरक्षित और अनुकूल स्थान बनता जा रहा है। वन विभाग की सतर्कता और संरक्षण उपायों के चलते यह क्षेत्र भविष्य में बाघों का स्थायी निवास बन सकता है।