डॉ काउंट सीजर मैटी की जयंती मनी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
ईलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के आविष्कारक डा. काउंट सीजर मैटी के 216 वीं जयंती घाटशिला स्थित टाटा ईलेक्ट्रो होमियो मेडिकल कॉलेज में भव्य रुप से मनायी गयी. ईस अवसर पर डा. काउंट सीजर मैटी के चित्र पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. डी वाई विश्वकर्मा, डा. के मिश्रा,डा. संजीत कुमार महतो , डा. फूलेशवर ठाकुर, डा. सुरेश पांडेय. डा. टी शर्मा, डा. डी डी लोहरा, डा. डी राय आदि ने माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित की. जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. डी वाई विश्वकर्मा ने डा. मैटी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईलेक्ट्रो होमियोपैथी का मूलमंत्र है शरीर के रस, रक्त का शुद्धिकरण, यह ऐसी मंत्र है जिससे शरीर को हमेशा स्वास्थ्य रखा जा सकता है और आज कोरोना का भी ईलाज संभव है. उन्होंने कहा कि ईलेक्ट्रो होमियोपैथी न्ययालय, सरकारों से होते हुए आज एक मुकाम पर पहुँच गयी है. संकल्प और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि ईलेक्ट्रो होमियोपैथी से कैंसर का ईलाज सफलता पूर्वक किया हूं. उन्होंने कहा कि डा. मैटी के सिद्धांतो पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. ईस अवसर पर वक्ताओं ने ईलेक्ट्रो होमियो पैथी के जनक डा. काउंट सीजर मैटी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 18 वीं शताब्दी में मानव जीवन के रक्षा के लिए डा. मैटी ने एक चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया, जिसका नाम ईलेक्ट्रो होमियोपैथी रखा गया. यह चिकित्सा पद्धति काफी कारगर है और ईससे कैंसर जैसे असाध्य रोग का चिकित्सा संभव है. वक्ताओं ने कहा कि ईलेक्ट्रो होमियोपैथी के सभी ओषधियाँ पेड़ पौधों से बना है और ईस औषधि का मानव शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. वक्ताओं ने कहा कि ईस चिकित्सा पद्धति से कोरोना वाइरस से उत्पन्न बिमारी का भी चिकित्सा संभव है. कई चिकित्सकों ने अपने अपने अनुभव को साझा किया. समारोह में डा कंचन रतन, डा. रतन कुमार डे, मनोज कुमार, आर एन मिस्त्री आदि उपस्थित थे.