Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » महाराष्ट्र और झारखंड में मिलेगा निर्णायक जनादेश, हरियाणा जैसी ‘हरकतों’ को लेकर सतर्क रहेंगे: रमेश
    Headlines झारखंड राजनीति राष्ट्रीय

    महाराष्ट्र और झारखंड में मिलेगा निर्णायक जनादेश, हरियाणा जैसी ‘हरकतों’ को लेकर सतर्क रहेंगे: रमेश

    Devanand SinghBy Devanand SinghNovember 4, 2024No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

    महाराष्ट्र और झारखंड में मिलेगा निर्णायक जनादेश, हरियाणा जैसी ‘हरकतों’ को लेकर सतर्क रहेंगे: रमेश

    नयी दिल्ली:  कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी तथा सहयोगी दलों को निर्णायक जनादेश मिलने की उम्मीद जताते हुए सोमवार को कहा कि हरियाणा के चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए अब इन दोनों राज्यों में आखिरी समय तक सतर्क रहना होगा।

    रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के जीतने पर मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कोई बाधा पैदा नहीं होगी और ‘सही समय पर, सही चेहरा’ इस पद पर आसीन होगा।

     

     

    कांग्रेस नेता का यह भी कहना था कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ की सरकार ने जिस तरह से वादाखिलाफी की है और विपक्षी दलों में तोड़फोड़ की है, उससे लोगों में गुस्सा है तथा झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का सकारात्मक असर हुआ है।

    यह पूछे जाने पर कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से कांग्रेस ने क्या सबक लिया है, तो रमेश ने कहा, ‘‘सबक यही लिया है कि आखिरी वक्त तक हमें होशियार रहने की जरूरत है। जिस तरीके से आखिरी वक्त पर करीब 20 विधानसभा क्षेत्रों में जो हरकतें हुई, उससे हमें बचना है…हमें सतर्क रहना होगा।’’

    हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी हार के बाद यह दावा किया था कि कई विधानसभा क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी और जहां ऐसा हुआ, वहां उसे हार का सामना करना पड़ा। इसको लेकर उसने निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी। हालांकि आरोपों ने उसकी शिकायतों को खारिज कर दिया।

     

     

     

    पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र में माहौल महा विकास आघाड़ी के पक्ष में है।

    इस विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपर) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं।

    उन्होंने दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में जो वादे किए गए थे, महायुति उन्हें पूरा नहीं कर पाई है। उससे लोगों में बहुत गुस्सा है। लोगों में गुस्सा इस बात का भी है कि महा विकास आघाड़ी की सरकार को गिराया गया, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोड़ा गया। तोड़-फोड़ की राजनीति के खिलाफ भी वोट होगा।’’

    रमेश ने कहा, ‘‘अभी महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन शानदार रहा। हम सकारात्मक ढंग से प्रचार कर रहे हैं। हमें कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से जो फीडबैक मिला है, उससे पता चलता है कि किसान नाराज हैं, खेत मजदूर नाराज हैं, महिलाएं असुरक्षित हैं।’’

    उनका कहना था, ‘‘सामाजिक न्याय, जाति जनगणना और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने के लिए संशोधन लाने का वादा हम दोहरा रहे हैं। यह दोनों राज्यों में महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा।’’

     

     

     

     

    इस सवाल पर कि एमवीए की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री किस दल का होगा, तो रमेश ने कहा कि जीतने के बाद चेहरा तय करने में कोई बाधा नहीं आएगी।

    उनका कहना था, ‘‘यह 23 नवंबर (मतगणना) के बाद का सवाल है। हम एमवीए के नाम पर, शिवसेना (यूबीटी) के नाम पर, राकांपा (एसपी) के नाम पर और कांग्रेस के नाम पर वोट मांग रहे हैं। ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ का अभी सवाल नहीं है। जब लोग जानते हैं कि किस आधार पर मुख्यमंत्री चुने जाते हैं और वह लोकतांत्रिक आधार पर ही चुने जाएंगे। लेकिन हमारी प्राथमिकता एमवीए को जिताना है।’’

    रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री तय करने में कोई बाधा नहीं दिखती तथा ‘सही समय पर सही चेहरा’ मुख्यमंत्री बनेगा।

    कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा, झारखंड में धार्मिक ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है क्योंकि वह विकास के नाम पर चुनाव नहीं लड़ सकती।

    उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में भाजपा के पास सिर्फ एक ही मुद्दा है-धार्मिक ध्रुवीकरण। असम के मुख्यमंत्री (हिमंत बिश्व शर्मा) जब चुनाव प्रचार प्रभारी बनाए गए तो साफ हो गया था कि उनकी यही रणनीति होगी। भाजपा के पास झारखंड की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बोलने के लिए कुछ नहीं है।’’

    महाराष्ट्र में 20 नवंबर और झारखंड में दो चरणों में 13 तथा 20 नवंबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतगणना 23 नवंबर को होगी।

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleनागर विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं महिलाएं : राष्ट्रपति मुर्मू
    Next Article भाजपा और कांग्रेस चुनावी राज्यों में लुभावने वादों की घोषणाओं में व्यस्त है: मायावती

    Related Posts

    भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीन की प्रतिक्रिया का स्वार्थी कनेक्शन

    May 9, 2025

    एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच

    May 9, 2025

    जेनेरिक दवाएं लिखने के कानूनी आदेश का उजाला

    May 9, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीन की प्रतिक्रिया का स्वार्थी कनेक्शन

    एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच

    जेनेरिक दवाएं लिखने के कानूनी आदेश का उजाला

    राष्ट्र संवाद हेडलाइंस

    टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन को मिला सम्मान

    फादर जेराल्ड मार्टिन डिसूजा मेमोरियल इंटर स्कूल बॉस्केटबॉल टूर्नामेंट 2025 का आयोजन

    ईडी ने कारोबारी विक्की भालोटिया को किया गिरफ्तार

    हम सेना के पराक्रम को सलाम करते हैं:राकेश तिवारी

    हरि मंदिर से चोरी करते एक युवक को स्थानीय लोगों ने रंगे हाथ धर दबोचा

    मोदी के सिंदूर ऑपरेशन से आतंक का आका रोया:डॉक्टर विशेश्वर यादव

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.