डॉ अनिल चौबे की कलम से लिखी सियार और ऊंट की रीमिक्स कहानी
एक गहरी नदी के किनारे धीरे-धीरे उजड़ रहे जंगल में एक सियार और ऊंट रहते थे। दोनों की दोस्ती इंस्टाग्राम पर हुई थी।ऊँट के फ़ेसबुक पर कई मिलियन फ़ालोवर्स थे। कोई यह भी नहीं जानता था कि यह किस करवट बैठेगा।सियार भी सोशल मीडिया पर सक्रिय था।लेकिन अपनी आदत के मुताबिक़ बिना मतलब हुँआ-हुँआ बहुत करता था।आगे की कहानी आप भी जानते हैं कि-एक दिन सियार ने ऊंट से कहा कि नदी पार गन्नों का खेत है, चलो आज रात वहां गन्ने खाने चलते हैं ! चूँकि मैंने तुम्हें गन्ने के खेत के बारे में बताया है और मुझे तैरना नहीं आता इसलिए तुम मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी पार करवा देना। हम अंधेरे में ही चुपचाप गन्ने खाकर वापस आ जायेंगे, खेत का मालिक नहीं जागेगा।
दोनों नदी पारकर खेत में गये और पेटभर कर गन्ने खाये। आगे की कथा में कुछ रीमिक्स इस प्रकार है कि वापिस चलते समय सियार अचानक गर्दन ऊपर उठाकर ‘‘हुआं-हुआं’’ करने लगा। ऊंट ने उसे रोका, कि ऐसा मत करो, खेत का मालिक जाग जायेगा और हमें मारेगा। सियार ने कहा कि खाना खाने के बाद अगर वह ‘‘हुआं-हुआ’’ करता हुआ एक रील बनाकर जबतक फ़ेसबुक पर पोस्ट न डाल दे तबतक तो खाना ही नहीं पचता,और वह फ़ेसबुक के लिए ‘‘हुंआ-हुंआ’’ करने लगा। खेत का मालिक भी फ़ेसबुक चला रहा था।सियार की हुँआ हुँआ वाली पोस्ट से जाग गया । खेत के मालिक को डंडा लेकर दौड़ता देख कर सियार गन्नों के बीच कहीं ऑफ़ लाइन हो गया और ऊंट को ऑन लाइन खूब मार पड़ी।
फिर नदी पार करते समय सियार ऊंट की पीठ पर बैठ गया। नदी के बीच में पहुंचकर ऊंट डुबकियां लेने लगा। सियार चिल्लाया अरे ऊंट भाई, यह क्या कर रहे हो, मैं डूब जाउंगा। ऊंट ने कहा कि खाना खाने के बाद जब तक मैं पानी में डुबकी नहीं लगा लेता मेरा भोजन नहीं पचता,और हाँ जानवर बिरादरी में सोशल मीडिया पर आज भी मेरा ही क़ब्ज़ा है पोस्ट तो मेरी भी वायरल होनी चाहिए।ऐसा कहते हुए ऊंट ने एक गहरी डुबकी लगाई और सियार डूब कर मर गया।
नोट-
1. इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि गन्ना चूसने में यदि आप भी शामिल हैं तो फ़ेसबुक पर ‘‘हुंआ-हुंआ नहीं करना चाहिए।’’।
2. ऊँट की पीठ पर सवार ,अपने आप को अत्यधिक समझदार न समझें। ऊँट को ख़ुद नहीं पता कि वह किस करवट बैठेगा।
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