मयूराक्षी कला मंच में राजकीय श्रावणी मेला का समापन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया
राष्ट्र संवाद संवाददाता
दुमका: मयूराक्षी कला मंच में राजकीय श्रावणी मेला 2024 का समापन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जरमुंडी विधायक श्री बादल पत्रलेख उपस्थित थे।
अपने संबोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन के व्यवस्था का ही परिणाम है कि श्रद्धालुओं ने यहाँ की व्यवस्था की खूब प्रशंसा की है।पूरे मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा।माननीय मुख्यमंत्री ने भी श्रद्धालुओं के लिए बासुकीनाथ में की गयी व्यवस्था की खूब प्रशंसा की है।बासुकीनाथ क्षेत्र के विकास के लिए कई कार्ययोजना तैयार किये जा रहे हैं।इस मेले की वजह से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर मिलता है।
अपने संबोधन में उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि सभी पुलिस पदाधिकारी, दंडाधिकारी ने पूरे मेला अवधि के दौरान बेहतरीन कार्य किया है।इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ।श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में बेहतर माहौल मिले इसके लिए इस वर्ष कई कार्य किये गए।साफ सफाई के लिए इस वर्ष टीम बढ़ाये गए।प्रत्येक सोमवार को मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया।जिसका परिणाम है कि श्रद्धालु एक बेहतर संदेश लेकर अपने घर वापस गए।सभी वरीय पादधिकारी,मेडिकल टीम,पंडा समाज को धन्यवाद देता हूँ।
अपने संबोधन में पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार ने कहा कि सभी के सहयोग से इस मेले का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सका है।सभी पुलिस पदाधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया है।सभी को धन्यवाद देता हूँ।स्थानीय लोग,पंडा समाज का भी जरूरी सहयोग पूरे मेला अवधि के दौरान प्रशासन को मिला है।
अपने संबोधन में पूर्व सांसद अभयकांत प्रसाद ने कहा कि यह मासव्यापी श्रावणी मेला अपनी एक अलग पहचान रखता है।जिला प्रशासन को धन्यवाद करता हूँ जिसके कारण पूरे माह श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।सभी प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने पूरी तत्परता से श्रद्धालुओं की सेवा की है।
अपने स्वागत संबोधन में अनुमंडल पादधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि सभी के सहयोग से मेला का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा सका है।
इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।