तीसरी बार मोदी सरकार
– *पंडित नेहरू के बाद तीसरा कार्यकाल लेने वाले पहले प्रधानमंत्री*
– *बड़े मंत्रियों को फिर से जगह, शिवराज सिंह चौहान की भी एंट्री*
– *100 दिन के साथ 5 साल का रोडमैप तैयार*
– *जनता के भरोसे को मजबूत करना होगी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए*
*नई दिल्ली :* नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, बशर्ते बीजेपी इस बार अपने सहयोगी दलों पर निर्भर है। इनमें जदयू और टीडीपी प्रमुख सहयोगी हैं। दोनों पार्टियों ने एनडीए की बैठक में यह विश्वास जताया है कि वे पूरी तरह से भाजपा के साथ बनी रहेंगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह चाहते हैं कि केंद्र की सरकार हमारे अधूर कामों को पूरा करने में मदद करे, हम पूरी तरह से उनके साथ हैं। टीडीपी प्रमुख चंद्र बाबू नायडू ने भी कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विजन पर पूरा भरोसा है।
उधर, मोदी सरकार 3.0 रविवार शाम को शपथ ग्रहण से पहले दिल्ली में सियासी हलचल रही। संभावित मंत्रियों के साथ मोदी की अहम बैठक हुई। नरेंद्र मोदी ने इनसे ‘चाय पर चर्चा’ के लिए बुलाया था। बैठक में मुख्य रूप से अमित शाह,राजनाथ सिंह, शिवराज चौहान, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, चिराग पासवान, जयंत चौधरी, जीतन राम मांझी, ललन सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे।
इस बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि पांच साल का रोडमैप तैयार है। इस दौरान उन्होंने 100 दिन के रोडमैप पर चर्चा की और उसे लागू करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट के नए सहयोगियों से कहा कि 100 दिन एजेंडा की कार्ययोजना को जमीन पर उतारना है। इसी के साथ पेंडिंग योजनाओं को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि जो आपको विभाग मिलेगा, उसे जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए, इसकी चिंता कीजिएगा।
मोदी ने शिलान्यास और उद्घाटन दोनों ही एनडीए सरकार की ओर से किए जाने के ट्रैक रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए इस बात को स्पष्ट तौर पर कहा कि कोई भी नई परियोजना बनाते समय भी इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि वे समय पर पूरा भी हो। उन्होंने अमृतकाल के एजेंडे का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम करना है। सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार है, जिस पर सभी को तेजी से काम करना है।
*नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने*
अट्ठारहवीं लोकसभा के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही मोदी ने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
मोदी के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गड़करी, निर्मला सीतारमण, जे पी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, एस जयशंकर, मनोहर लाल खट्टर, पीयूष गोयल सहित कई अन्य नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने पांच साल बाद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में वापसी की है।
मोदी 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 17वीं लोकसभा के चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद वह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।
नेहरू 1947 से स्वतंत्रता के बाद से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनकी मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी और वह उस समय भी देश के प्रधानमंत्री थे। साल 1952 में हुए पहले आम चुनाव में जीत के बाद वह पहली बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 1957 और 1962 के आम चुनावों में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की और नेहरू फिर देश के प्रधानमंत्री बने।
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। उसे 240 सीटें मिली हैं। हालांकि, भाजपा नीत राजग ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। इसके बाद राजग की बैठक में मोदी को पिछले दिनों भाजपा और राजग संसदीय दल का नेता चुना गया था।
नेता चुने जाने के बाद मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
शपथ लेने वालों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा जनता दल (सेक्यूलर) के एच डी कुमारस्वामी सहित राजग के घटक दलों के कई पमुख नेता भी शामिल थे।
*शपथ ग्रहण समारोह में देश और विदेश के कई शीर्ष नेता भी शामिल हुए*
इस अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे सहित भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के कई शीर्ष नेता मौजूद थे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, उनके भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे, बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
विदेशी नेताओं में मुइज्जू की यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह भारत और मालदीव के बीच संबंधों में जारी तनाव के समय हुई है।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद सभी नेता राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे।
क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की शानदार चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था।
मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेता शामिल हुए थे।
मोदी ने शपथ के दौरान चूड़ीदार पायजामा, सफेद कुर्ता और नीली जैकेट पहनी
*नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के दौरान चूड़ीदार पायजामे के साथ सफेद कुर्ता और नीली जैकेट पहनी*
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मोदी ने अपनी पोशाक के साथ काले जूते पहने।
मोदी ने 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब उन्होंने क्रीम रंग का कुर्ता-पायजामा और हल्के सुनहरे रंग की जैकेट पहनी थी। वर्ष 2019 के शपथ ग्रहण के दौरान भी मोदी ने लगभग ऐसी ही पोशाक का चयन किया था।
महत्वपूर्ण अवसरों पर मोदी की पसंदीदा पोशाक कुर्ता और बंद गला जैकेट है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोहों के दौरान वह आकर्षक और रंग-बिरंगी पगड़ी पहने हुए भी नजर आये हैं।