नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लेकर आयात नीति में बदलाव किया है. इसके तहत भारतीय झंडे के आयात पर पाबंदी लगा दी गई है. नई नीति के तहत इंडियन फ्लैग कोड पर खरे उतरने वाले ही झंडों का आयात होगा. सरकार ने झंडे के डिजाइन और रंगों को लेकर नियम जारी किए हैं. पिछले हफ्ते विदेश व्यापार महानिदेशालय Directorate General of Foreign Trade की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के पार्ट-1, सेक्शन 1.2 में तय मानकों का पालन नहीं करने के कारण भारतीय झंडे का आयात नहीं किया जा सकेगा.बता दें कि तय मानकों का पालन नहीं करने वाले भारतीय झंडे का आयात देश में हो रहा था. घरेलू उद्योग की तरफ से इसके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. ऐसे अधिकांश झंडे प्लास्टिक से बने होते हैं और ज्यादातर चीन से इम्पोर्ट होते हैं. खादी शिल्पकारों के लिए दिवाली का तोहफा खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन (KVIC) ने सरकार के इस निर्णय को खादी से जुड़े लाखों शिल्पकारों के लिए दिवाली गिफ्ट बताया है.KVIC का कहना है कि फ्लैग कोड के मुताबिक हमारे भारतीय झंडे को केवल हाथ से काते गए और बनाए गए ऊन, कॉटन या सिल्क खादी से ही बनाया जा सकता है. 15 अगस्त और 26 जनवरी पर झंडों की डिमांड बढ़ जाती है. खादी के बनाए झंडों की बिक्री घटी KVIC संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित एकमात्र वैधानिक इकाई है, जिसके पास भारतीय राष्ट्रीय झंडे के निर्माण का अधिकार है. KVIC ने गौर किया कि पिछले दो साल से उसके द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में गिरावट आ रही है.
केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के आयात पर लगाई पाबंदी, शिल्पकार खुश
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