शिमला: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदला और बुधवार दोपहर तक खिली धूप अचानक बादलों में गायब हो गई. दोपहर बाद प्रदेश के कई क्षेत्रों में जहां भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया. चंबा के डलहौजी, पांगी घाटी सहित रोहतांग में बर्फबारी हुई है.रोहतांग में करीब आधा फीट तक बर्फबारी हुई. बुधवार को रोहतांग दर्रे का ब्यासनाला सैलानियों के के लिए स्नो प्वाइंट बन गया. इसी तरह से पांगी घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने से साचपास, चैंडीपास तथा रोहतांग दर्रे बंद हो गए हैं. लोगों का घाटी से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.भरमौर व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल डलहौज़ी के समीप स्थित लक्कड़मंडी में सीज़न की पहली बर्फबारी हुई. भरमौर की ऊपरी चोटियों कुगती पास, चोबिया पास, मणिमहेश डल झील में छह इंच तक बर्फबारी दर्ज की गई है. इस बर्फबारी से पूरा क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गया है. राजधानी शिमला में भी बुधवार दोपहर बाद बारिश का दौर शुरू हो गया. जबकि जिला कांगड़ा और चंबा के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है. बैजनाथ क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान की सूचना है.चंबा के तीसा में मटर और भट्टियात में धान की फसल ओलावृष्टि ने बर्बाद कर दी है. कांगड़ा की सीमा से लगे भट्टियात क्षेत्र से लेकर जम्मू से सटे तीसा.किहार क्षेत्र में फसलों को खासा नुकसान हुआ है. तीसा उपमंडल की ग्राम पंचायत सनवाल में भारी ओलावृष्टि होने के कारण मटर की फसल खराब हो गई. किसानों का कहना है कि पूरे इलाके में 80 फ़ीसदी मटर की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है. आर्थिकी में सुधार की उम्मीद में किसानों ने मक्की की फसल की कम बिजाई कर मटर बोये थे. भारी ओलावृष्टि के कारण होने के कारण मटर के पौधों को नुकसान पहुंचा है.