गया। लोकसभा चुनाव और माहे रमजान को देखते हुए जिला पुलिस की साइबर पैट्रोलिंग 24 घण्टे काम कर रही है। साइबर पैट्रोलिंग की नजर हर एक मीडिया प्लेट फॉर्म बनी हुई है। इस काम में एक नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं। साइबर पैट्रोलिंग का मकसद साफ है कि यदि कोई राजनीतिक या धार्मिक उन्माद को प्रश्रय देता है तो उसके गिरेबान को पकड़ कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। बीते दिनों इस टीम ने गया शहर के ही एक व्यक्ति के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। खास बात यह भी कि इस टीम के पास पूरी तरह से अधिकार है कि वह अपने एसएसपी को सूचना देने के तुरंत बाद उन्माद फैलाने वाले के खिलाफ एक्शन ले सकता है। यही नहीं हर दिन की डिटेल भी पुलिस अफसरों के नजरों से गुजरता है।
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि कुछ लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए जान बूझकर उन्माद से जुड़ा पोस्ट किसी न किसी मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हैं जो कि कानून गलत है। पुलिस द्वारा बार बार ऐसा न करने का रिक्वेस्ट अक्सर किया जाता रहा है। बावजूद इसके कुछ शरारती तत्व भड़काऊ चीजें पोस्ट कर देते हैं। ऐसे लोगों के ऊपर ही नकेल कसने के लिए साइबर पैट्रोलिंग की टीम 24 घण्टे तैनात की गई है।
साइबर टीम कैसे करती है काम
साइबर टीम के मेंबर सर्च इंजन में जाकर गया टाइप करते हैं और फिर धार्मिक या राजनीतिक शब्द लिखते हैं। इसके बाद दूसरे स्टेप में वे कुछ खास कोर आम भड़काऊ शब्दों को सर्च इंजन में टाइप करते हैं। यह चीजें टाइप करते ही मीडिया प्लेट फॉर्म पर पोस्ट की गईं चीजें सामने आ जाती हैं। फिर वे उसे बारीकी से पढ़ते हैं। पढ़ने बाद थोड़ा भी शक होने पर उसके लिंक और या फिर साइट पर जाते हैं और पोस्ट कर के वाले से सारी डिटेल एकत्रित कर लेते हैं। यहां तक किस मोबाइल से को से मीडिया प्लेट फॉर्म पर कितने बजे और कहां से किस टावर लोकेशन के तहत पोस्ट किया गया है। तमाम जानकारियां जुटा लेते हैं। किसी पोस्ट पर शक होने की स्थिति में पुलिस के आईटी विशेषज्ञ भी भिड़ जाते है और चंद घण्टे में सारी जानकारी जुटा लेते हैं।