Jamshedpur: सूर्यधाम सिदगोड़ा में सुंदरकांड एवं श्रीराम जी के राज्याभिषेक से सात दिवसीय श्रीराम कथा का हुआ विधिवत विश्राम, फूलों से श्रद्धालुओं ने खेली होली, भक्तिमय भजन पर श्रद्धालु जमकर श्रद्धालु, कल 12 बजे से होगा विशाल भंडारा
जमशेदपुर। सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के चतुर्थ वर्षगांठ के अवसर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सांसद विद्युत महतो सपत्नीक, महेन्द्र यादव सपत्नीक, अमरजीत सिंह राजा सपत्नीक, पायल संतोष व अन्य ने व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया। पूजन पश्चात श्री अयोध्याधाम से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचिका पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी का स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात कथा व्यास पंडित गौरांगी गौरी ने पंडाल में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के समक्ष श्रीराम कथा के विश्राम दिवस पर सुंदरकांड एवं श्रीराम जी के राज्याभिषेक प्रसंग का वर्णन किया। स्वागत के पश्चात कथा व्यास पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी ने श्रीराम कथा में बताया कि सुंदरकांड के प्रारम्भ में श्री हनुमान जी के दिव्य विराट स्वरूप का दर्शन होता है जो राम कार्य करने के लिए हनुमान जी ने धारण किया। श्री हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन रामकार्यों के लिए ही समर्पित है इसलिए कलयुग में भी श्री हनुमान जी की महिमा सर्वाधिक वंदनीय है। सुरसा राक्षसी और लंकिनी रूपी विघ्नों को पार करते हुए हनुमान जी लंका में पहुंचे वहां विभीषण से मिलकर श्री जानकी जी का पता लेकर श्री हनुमान जी अशोक वाटिका में आये और माता सीता का दर्शन किया। यहां संकेत है कि यदि भाव सच्चा हो तो सुदूर विघ्नों के बीच जाकर भी जीव भक्ति देवी की कृपा प्राप्त कर सकता है।
जानकी जी को भगवान का संदेश देकर एवं लंका को जलाकर हनुमान जी भगवान के पास वापस आये। तत्पश्चात भगवान सेना सहित लंका में पहुंचे जहां राम-रावण युद्ध प्रारम्भ हुआ जो धर्म-अधर्म, सत्य-असत्य का युद्ध है। भगवान को विजय श्री प्राप्त हुई क्योंकि यह सनातन सिद्धान्त है कि विजय हमेशा सत्य की ही होती है। रावण वध के पश्चात भगवान लौटकर अयोध्या में आए। जहां भगवान का राजतिलक किया गया। राम राज्य दोषों, दुर्गुणों, दुःख, दर्द आदि को मिटाकर सुखी एवं समृद्ध जीवन की आशा से परिपूर्ण है। समस्त भक्तजनों ने रामराज्य तिलक में भाव से सम्मिलित होकर सुखी एवं समृद्ध राष्ट्र की कामना करते हुए एक दूसरे को बधाई दी। श्री राम राजतिलक के साथ ही श्रीरामकथा ने विश्राम प्राप्त किया। पूरे कथा में श्रद्धालुओं ने भक्तिमय संगीत में जमकर आनंद लिया और फूलों की होली खेलकर जमकर झूमते हुए नाचे गाए।
इस अवसर पर सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने जमशेदपुर की जनता समेत सभी के सहयोग और आशीर्वाद के लिए श्रद्धालुओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा में आप सभी भक्तों की आपार समूह ने इस लंबे आयोजन को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति सभी के सहयोग से धर्म- संस्कृति संरक्षण और विश्व कल्याण की दिशा में निरंतर ऐसे आयोजन करती रहेगी। चंद्रगुप्त सिंह ने अनुष्ठान में लगे सभी समर्पित सदस्यों समेत मंदिर समिति के
पदाधिकारी एवं वरीय सदस्यों के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से लगन, निष्ठा एवं समर्पण भावना के बदौलत श्रीराम मंदिर स्थापना के वर्षगांठ पर आयोजित राम कथा एवं अन्य अनुष्ठान सफलतापूर्वक सपन्न हुए।
वहीं, सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने जमशेदपुर की राम भक्त जनता, महिलाएं पुरुष, युवाओं के प्रति आभार जताया, जिनके सहयोग से राम कथा का सफलतापूर्वक विश्राम हुआ। कहा कि कलश यात्रा से लेकर नगर भ्रमण और रामकथा में जिस उत्साह से जमशेदपुर के भक्तों ने भाग लिया, उसका शब्दों में
वर्णन करना कम होगा। जमशेदपुर की जनता समेत सभी भक्तों के सहयोग व भक्तिभाव ने सूर्य मंदिर धाम को आस्था के केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। सभी के जनसहयोग और सेवा भावना के बल पर सूर्य मंदिर समिति यूं ही सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती रहेगी।
कथा के दौरान मंच संचालन मंदिर समिति के वरीय सदस्य गुंजन यादव ने किया। कल विशाल महाभण्डारा के साथ ग्यारह दिवसीय अनुष्ठान का विधिवत समापन होगा। विशाल भंडारा मंदिर परिसर के कथा स्थल शंख मैदान में दोपहर 12:30 बजे से प्रारंभ होगी।
इस दौरान बिनोद सिंह, अभय सिंह उज्जैन, विजय कुमार सिंह, शिवशंकर सिंह, अविनाश सिंह राजा, रामबाबू सिंह, शंकर रेड्डी, संतोष सिंह, रामबाबू तिवारी, अखिलेश चौधरी, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, रूबी झा, बंटी अग्रवाल, कृष्ण मोहन सिंह, प्रेम झा, प्रमोद मिश्रा, मिथिलेश सिंह यादव, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, खेमलाल चौधरी, सुशांत पांडा, कमलेश सिंह, पवन अग्रवाल, राकेश सिंह, संतोष ठाकुर, सुरेश शर्मा,
नारायण पोद्दार, रॉकी सिंह, कुमार अभिषेक, गौतम प्रसाद, अशोक सामंत, मुकेश शर्मा, मीरा झा, राकेश राय, अनिकेत सिंह, राहुल सिंह, सतीश सिंह, निर्मल गोप, पुष्पेंद्र सिंह, रुपा देवी, प्रमिला साहू, कमला साहू, मधु देवी, सरस्वती देवी, आशा देवी, उर्मिला देवी, गंगा देवी, नीलम देवी, लखी कौर, शोभा देवी, कान्ता देवी, हीरा देवी, साकेत कुमार, मुकेश कुमार, धनेश्वर सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।