विधायक निधि से किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में स्वार्थ के कारण भ्रम फैला रहे हैं चंद्रगुप्त भूपेंद्र
सूर्य मंदिर सिदगोड़ा के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह और संरक्षक चन्द्रगुप्त सिंह शंख मैदान एवं अन्य स्थानों पर श्री सरयू राय द्वारा विधायक निधि से किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में स्वार्थ के कारण भ्रम फैला रहे हैं। इसके साथ हड़पू गोत्र का कविया कुटूंब भी शामिल है। ये लोग वास्तव में सूर्य मंदिर को अध्यात्मिक रूप से चलाने के बदले में उसके सामने के 5 एकड़ जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
उनका यह कहना बेबुनियाद है कि शंख मैदान में बास्केट बोल कोर्ट बनाया जा रहा है। बास्केट बोल कोर्ट तो टाउन हाॅल के मैदान मे ंबन चुका है। उसकी ढलाई हो चुकी है। उसके दोनों और केबल स्टैंडी लगाना बाकी है। बास्केट बोल कोर्ट बनाने का काम श्री सरयू राय के विधायक निधि से सम्पन्न हुआ है। अपने विधायक निधि से श्री राय शंख मैदान को सुंदर बनाने का काम कर रहे हैं। शंख मैदान में जमीन पर जो शंख बना है, वह वास्तव में शंख नहीं है, बल्कि एक चट्टान पर शंख की आकृति बना दी गयी है। श्री राय एक आधार स्तंभ बनाकर शंख को उसके ऊपर रखना चाहते हैं। श्री राय की विधायक निधि से जो येाजना स्वीकृत हुई है, उसमें श्रीमद् भागवत गीता के प्रथम अध्याय में वर्णित भगवान कृष्ण के शंख पंाचजन्य, अर्जुन के शंख देवदत्त, युधिष्ठिर के अनंतविजय एवं अन्य पांडवों के शंखों की आकृतियों को मैदान के किनारे पर सजाना और खड़ा करना विधायक निधि से होने वाली योजनाओं में शामिल है।
इसके अलावा मैदान के चारों तरफ बुजुर्गों एवं शैलानियों के बैठने क लिए बेंच बनाना और फूल पत्तियां लगाकर मैदान को सजाने का काम इसमें श् ामिल है। अभी शंख की जो आकृति मैदान में जमीन पर रखी गयी है उसपर बच्चे जुते पहनहकर उछलकूद करते हैं और महिलाएं तथा युवक-युवतियां उसपर बैठती हैं जो कि शंख के आध्यात्मिक महत्व का अपमान है। उल्लेखनीय है कि शंख समुद्र मंथन से निकला हुआ एक अध्यात्मिक प्रतीक है। जिसे सूर्य समिति के लोग पैरों तले रांेदवा रहे हैं।
शंख मैदान को सूर्य मंदिर समिति के लोंगो ने अपनी जागिर समझ लिया था और पिछले 20 वर्षों से यहाँ आने जाने वालों से 5 रु. का टिकट वसूल रहे थे। ये वास्तव में आधित्मकता का व्यवसाय करने वाले लोग हैं। श्री राय के विधायक बनने के बाद यहाँ लोग निःशुल्क आ जा रहे हैं। पिछले साल भी और इस साल भी छठ के समय आयोजन करने के लिए सूर्य मंदिर समिति के लोगों ने प्रशासन से अनुमति लिया था। अब शंख मैदान में प्रशासन और जेएनएसी की अनुमति के बाद ही कोई कार्यक्रम होगा। शंख मैदान से सूर्य मंदिर समिति का एकाधिकार खत्म हो गया है। अब कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी कार्यक्रम के लिए शंख मैदान की बुकिंग करा सकता है। श्री राय अपनी विधायक निधि से इसका सौंदर्यीकरण करा रहे हैं तो सूर्य मंदिर के लोग बौखला गये हैं। पहले भी शंख मैदान और आसपास के विकास में विधायक निधि ही खर्च हुई है, तो अब उसपर विधायक निधि से सौंदर्यीकरण क्यों नहीं हो सकता है।
सूर्य मंदिर समिति के लोगों को याद करना चाहिए कि उन्होंने 2021 में सांसद श्री महेश पोद्दार की सांसद निधि से 15 लाख रु. सूर्य मंदिर की बांउड्री बनाने के लिए लिया। लोहा के ग्रिल से इसकी बाउंड्री भी हुई है। जब सूर्य मंदिर समिति ने सांसद निधि से सूर्य मंदिर की बाउंड्री बनवा लिया तो उन्हें अपने बाउंड्री के भीतर रहना चाहिए और सामने की 5 एकड़ जमीन पर कब्जा की नियत छोड़नी चाहिए। यह जाँच का विषय है कि सूर्य मंदिर की बाउंड्री बनाने के लिए सांसद महेश पोद्दार ने जो 5 लाख रु. का फण्ड दिया उसका उपयोग किस प्रकार हुआ है और उसकी बाउंड्री पूरा बनी कि अधूरा बनी है। जिला प्रशासन से हमारी माँग है कि वह इसकी जाँच करे और सूर्य मंदिर की बाउंड्री चारों और बनवाये ताकि हड़पू गोत्र का कविया कुटूंब का उस पूरी जमीन पर कब्जा करने की मंशूबा चूर हो जाये।