10 अक्टूबर को शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में टीचर एजुकेटर्स डे मनाया जाए : डॉ. सचिन
रांची : झारखण्ड राज्य बीएड-एमएड प्राध्यापक संघ के सदस्यों ने आज 10 अक्टूबर 2023 को देश का पहला टीचर एजुकेटर्स डे ऑनलाइन मनाया। बीएड-एमएड संघ के सदस्यों ने पिछले रविवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षक दिवस की जगह पर शिक्षक प्रशिक्षक दिवस अर्थात टीचर एजुकेटर्स डे मनाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर बीएड-एमएड संघ के प्रदेश संयोजक सह महासचिव डॉ.सचिन कुमार ने अपने संबोधन में टीचर एजुकेटर्स डे की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षक प्रशिक्षक होते है जो विशिष्ट योग्यता और विशिष्ट भूमिका के लिए जाने और पहचाने जाते है।
प्रशिक्षण संस्थानों का मुख्य उद्देश्य शिक्षण नही बल्कि प्रशिक्षण होता है और वहां नियुक्त प्रशिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु अध्यापक को शिक्षण कार्य में कुशलता और निपुणता हासिल करने के लिए शिक्षण के विभिन्न विधि, प्रविधि , तकनीक और कौशलों का प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करते है इसलिए शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए अलग से 10 अक्टूबर को अब प्रतिवर्ष शिक्षक प्रशिक्षक दिवस अर्थात टीचर एजुकेटर्स डे मनाए जाने की शुरुआत आज भगवान बिरसा की पावन भूमि झारखण्ड की राजधानी रांची से की गई है।
टीचर एजुकेटर्स के लिए भी एक विशेष दिन की मांग वर्षो से होती आ रही थी जिस प्रकार इंजीनियर्स डे, डॉक्टर डे, नर्स डे, टीचर डे मना कर उनके योगदान के लिए सम्मान देने के साथ-साथ उन सभी प्रोफेशनल्स को संगठित करने ओर उनके कार्यों पर गर्व करने का यह दिन होता है उससे शिक्षक प्रशिक्षक वर्षों से वंचित होते रहे है। आज 10 अक्टूबर 2023 से शिक्षक प्रशिक्षक अर्थात टीचर एजुकेटर्स को भी सम्मानित और गर्व करने का मौका मिलना शुरू हो जायेगा।
आज से यह ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है जिसमे विशिष्ट योग्यता और विशिष्ट भूमिका वाले प्रशिक्षकों अर्थात राष्ट्र के निर्माता शिक्षक को बनाने वाले प्रशिक्षकों के नाम करने का श्रेय भी झारखण्ड की इस पावन भूमि और झारखण्ड राज्य बीएड-एमएड प्राध्यापक संघ के सभी सदस्यों को जाता है जिनके सहयोग और समर्पण के बिना यह संभव नहीं था। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेश और राष्ट्र के लाखो शिक्षक प्रशिक्षकों को टीचर एजुकेटर्स डे की हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार अर्पित करता हूं।
इस अवसर पर संघ के संरक्षक सह विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रो.डॉ. तनवीर युनुस ने कहा कि झारखण्ड राज्य बीएड-एमएड प्राध्यापक संघ शिक्षक प्रशिक्षकों के बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत है और सरकार तक अपनी समस्यायों और मांगों को पहुंचाने में सफल हुआ हैं। लगभग बीस वर्षो के लगातार झारखण्ड में बीएड-एमएड कोर्स के प्रशिक्षक न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी शोषित होते आ रहे हैं। अब अपनी पहचान और शोषण से मुक्ति की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है। इस अवसर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के बीएड विभाग के प्राध्यापक डॉ. विशेश्वर यादव, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. शमशाद आलम और रांची विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सचिन कुमार को संघ की स्थापना करने के साथ- साथ विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित करने की घोषणा भी करता हूं।
संघ के अध्यक्ष सह कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. मनोज कुमार ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज का दिन शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में ऐतिहासिक दिन हो गया है क्योंकि देश ही नहीं बल्कि विश्व में यह पहला संगठन है जिसने शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए एक विशेष दिवस मनाने की एक सार्थक पहल की है। झारखण्ड के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य बनने के पश्चात न तो विश्वविद्यालय प्रशासन और न ही सरकार शिक्षक प्रशिक्षकों की समस्यायों के समाधान के लिए कोई प्रयास किया है।
संघ के संयुक्त सचिव सह के.ओ. कॉलेज गुमला के बीएड विभाग के प्राध्यापक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि हमलोग सौभाग्यशाली है कि कम वेतन मिलने के बावजूद सभी विषयों के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने का कार्य करने का अवसर मिल रहा है।उन्होंने कहा कि कार्य के साथ साथ अपने हक के लिए निरंतर संघर्ष करते रहना चाहिए। संघ के उपाध्यक्ष डॉ.बिशेश्वर यादव ने कहा कि संगठन में सभी शिक्षक
प्रशिक्षकों को जोड़ने और कार्य में निरंतरता लाने से ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।वही उपाध्यक्ष डॉ शमशाद आलम शिक्षक प्रशिक्षक दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि संघ के कार्यों को करने में अड़चने तो आती रहेगी लेकिन दोगुने उत्साह के साथ पुनः आगे बढ़ कर कार्य करने वाले ही लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।डोरंडा कॉलेज के प्राध्यापक मनोज कुमार ने शिक्षक प्रशिक्षक दिवस इस संगठन की पूरे राष्ट्र ही नहीं बल्कि विश्व को देन हैं जिससे प्रशिक्षकों को भी समाज में अपनी पहचान मिल सकेगी।
कार्यक्रम का समापन संरक्षक प्रो.तनवीर युनुस की अनुमति से हुआ।