धरती पर भगवान कहलाने वाले डॉक्टर का कड़वा सच
अनुप्रिया चौबे
जमशेदपुर :डॉक्टरों को भगवान का स्वरूप माना जाता है पर क्या वह सच में भगवान का स्वरूप है ? एक ऐसी खबर जान के आप दंग रह जाएंगे और इस बात से बिल्कुल इंकार कर देंगे की डॉक्टर भगवान का स्वरूप होते हैं ।
जमशेदपुर के जिला यक्ष्मा पदाधिकारी प्रभाकर भगत भी उन डॉक्टरों में से जिन्हें आप भगवान नाम नहीं दे सकते हैं इनका काम ही विपरीत है।सदर अस्पताल और टीवी अस्पताल के मशहूर डॉक्टर प्रभाकर भगत को मरीजों को छूने से इतनी घृणा आती है कि वह थर्ड ग्रेड कर्मचारियों से ओपीडी करवाते हैं । 1 साल के अंदर की ओपीडी की जांच की जाए तो पता चलेगा कि यह डॉक्टर काम के प्रति कितने ईमानदार हैं ।
एक तरफ सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले वही प्रभाकर भरत जैसे डॉक्टर सरकार की मेहनत मिट्टी में मिलाने से पीछे नहीं हट रहे ।
सिर्फ यही नहीं डॉक्टर प्रभाकर भगत अपने ही चेंबर में बैठकर सिगरेट का सेवन करते हैं और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ बदसलूकी करते हैं और अस्पताल के कर्मचारियों को गालियां देना इनकी दिनचर्या बन चुकी है ?
डॉक्टर साहब के पास पैसा पावर पैरवी तीनों पी मौजूद है? पावर पैसे और पैरवी की बदौलत एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरण कराना और पुनः उसी स्थान पर आ जाना इनके लिए आम बात है
जमशेदपुर से इतनी मोहब्बत है कि जमशेदपुर से बाहर जाने में परेशानी होती है। मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री झारखंड सरकार, सिविल सर्जन स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने में लगे हैं वही इनके जैसे पदाधिकारी विभाग को बदनाम करने में लगे हैं
बहरहाल डॉ साहब की करस्तानियों पर बंदिश नहीं लगी तो कभी भी कर्मचारियों के साथ साथ आम आदमी के साथ भी कोई घटना घट जाए तो बड़ी बात नहीं
दूसरी तरफ इस पर सिविल सर्जन का बयान लेने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने बैठक में हूं की बात कह कर बयान देने से इनकार किया
अगली कड़ी में डॉक्टर साहेब की एक और कारगुजरियां…….