सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव में फर्जी रिमोट इ वोटिंग का खेल !
देवानंद सिंह
अपने देश में घोटाला कोई नई बात नहीं है स्वतंत्र भारत में अब तक करोड़ों अरबों रुपए की एक दो नहीं कई घोटाला हो चुके हैं EVM पर सवाल कई बार उठे हैं परंतु झारखंड के सिंहभूम चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चुनाव में फर्जी ई रिमोट की वोटिंग का खेल अब धीरे-धीरे कारोबारी के मुंह से सुनने में आ रहा है इसमें कई चेंबर के पदाधिकारी की संलिप्त होने की बात लोगों के दबी जुबान से सामने आने लगे हैं चर्चित चेंबर के चुनाव में मुख्य भूमिका निभाने वाले चुनाव पदाधिकारी पर भी सवाल उठ रहे हैं हालांकि चुनाव के समय चेंबर के पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई डाटा पर ही चुनाव हुआ है इसलिए कुछ कारोबारी इसे नजरंदाज करते हैं आने वालो दिनों में इसकी आंच चेम्बर के पदाधिकारियों तक भी आएगी और रिश्ते में कड़वाहट आने की संभावना है
ज्ञात होगी कि पिछले दिनों सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव में तीन दिनों तक हुए रिमोट इवोटिंग में भारी मात्रा में फर्जीवाड़े की बात सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार बुक क्लोजर के बाद लगभग 100-150 ईमेल आईडी में बदलाव किया गया और उनका रिमोट इवोटिंग के माध्यम से वोट डाल दिया गया। यहाँ तक कि टाटा ग्रुप की कंपनी TRF लिमिटेड, टेलकोन लिमिटेड, जेमको लिमिटेड, टीमकेन इंडिया एवम ACC सीमेंट का ईमेल आईडी जो चैम्बर के रिकार्ड्स में उपलब्ध नहीं था, उनका भी रिमोट इवोटिंग के माध्यम से वोट डाल दिया गया। कहीं न कहीं ये साइबर क्राइम का मामला भी प्रतीत होता है।
यही नहीं, तीन दिनों तक हुए रिमोट इवोटिंग में टोली बनाकर घूम-घूमकर चैम्बर के सदस्यों पर संबंधों और रिश्तों की दुहाई देते हुए दबाव बनाकर उनसे ईमेल आईडी पर आए यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी लेकर वोट डालकर प्रजातंत्र को तार-तार करते हुए चैम्बर की गरिमा और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया गया।
इस पूरी चुनावी प्रक्रिया को लेकर चैम्बर के सदस्यों में रोश व्याप्त है और खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए दबे जबान से चैम्बर में तीन दिनों तक की रिमोट इवोटिंग को फर्जीवाड़े की जड़ बताते हुए पूरी चुनावी प्रक्रिया को बदलने की बात कर रहे हैं।