पांच करोड़ लूट के बाद 39 लाख छिपाकर था कन्याकुमारी में, गिरिडीह पुलिस ने काफी प्रयास के बाद साथी के साथ दबोचा, साथी से भी भी 38 लाख बरामद
जीटी रोड और नेशनल हाईवे में डीटीओ और पुलिस बनकर करता था रेकी
गिरिडीह : जमुआ थाना इलाके के बाटी मोड के समीप तीन माह पहले हुए पांच करोड़ लूट कांड में गिरिडीह पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल किया है। एक साथ तीन एसडीपीओ और करीब दर्जन भर पुलिस कर्मियों ने दूसरी बार कई राज्यों में छापेमारी कर 77 लाख बरामद करने में सफलता पाया है। जबकि इसी लूटकांड में पुलिस पहले ही 3 करोड़ 24 लाख 15 हजार बरामद कर चुकी थी, तो कुछ अपराधियो को दबोचा भी गया था। लेकिन इस लूटकांड के मास्टर माइंड हजारीबाग के बरही निवासी खिरोधर साहू उर्फ गुलाब साहू अपने एक साथी मुन्ना रविदास फरार था। जिसे कन्याकुमारी से गुप्त सूचना पर गिरिडीह पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही।
वही लूटकांड को अंजाम देने में शामिल आठ अपराधियो ने जिस स्क्रिपियो गाड़ी का इस्तेमाल किया था, उसे भी जब्त करने में पुलिस सफल रही। तीन दिनों के लगातार कई राज्यों में किए गए छापेमारी के बाद बुधवार की रात मिले सफलता के दूसरे दिन गुरुवार को एसपी दीपक कुमार शर्मा, एसडीपीओ नौशाद आलम, एसडीपीओ मुकेश महतो, साइबर डीएसपी संदीप सुमन और डीएसपी संजय राणा ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दिया। लेकिन इस दौरान एसपी ने इस बड़े सफलता में शामिल तीन डीएसपी मुकेश महतो, संदीप सुमन और नौशाद आलम समेत जमुआ थाना प्रभारी बिपिन कुमार, धनवार थाना प्रभारी पीकू प्रसाद, धनवार थाना प्रभारी सत्यदीप समेत 11 आर्म्स गार्ड को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जिसमे साकेत सिंह, टुनटुन साह, नरेश हज्जाम, आसीन अंसारी, नगीना पासवान समेत अन्य शामिल हैं। एसडीपीओ स्तर के अधिकारियों को 5 हजार देकर सम्मानित किया गया, तो 3 हजार एसआई रेंक के अधिकारियों को। वैसे गिरिडीह पुलिस को महज़ राज्य के दूसरे बड़े पांच करोड़ लूटकांड मामले में महज तीन माह में हुए खुलासे ने एसपी दीपक कुमार शर्मा समेत तमाम पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ा दिया। इधर प्रेसवार्ता के दौरान एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा की तीन माह पहले 21 जून को जमुआ थाना इलाके के बाटी मोड़ में एक क्रेता वाहन से पांच करोड़ नगद लूटकांड को अंजाम दिया गया था। क्रेता वाहन को लूट की घटना को अंजाम देने के हजारीबाग के बरही इलाके के आठ अपराधियो ने एक स्क्रिपियो और एसयूवी गाड़ी का इस्तेमाल किया था। इसमें स्क्रिपियों गाड़ी को लूटकांड के मास्टर माइंड खिरोधर साहू से जब्त किया गया। क्योंकि मास्टर माइंड खिरोधर साहू अपने साथियों के साथ लूटकांड को अंजाम देने के बाद कन्याकुमारी फरार हो गया था। एसपी ने बताया की खिरोधर साहू ही वो प्लानर है जो अपने साथियों के साथ नेशनल हाईवे और जीटी रोड में फर्जी डीटीओ और पुलिस अधिकारी बनकर ऐसे गाड़ियों की रेकी किया करता था। और उसका पीछा कर सुनशान इलाके में लूटता था।
एसपी ने ये भी बताया की 21 जून को घटना को अंजाम देने से पहले खिरोधर साहू ने इसी तरह से पांच करोड़ से भरे क्रेटा वाहन की रेकी कर पता लगाया की क्रेटा वाहन में सवार गुजरात के मयूर सिंह जडेजा अपने सहयोगी जगत सिंह जडेजा के साथ बिहार के डीवाई कंपनी के मैनेजर भरत सिंह सोलंकी के निर्देश पर इसी क्रेता वाहन से पांच करोड़ नगद लेकर कोलकाता जा रहा था। कोलकाता जाने के क्रम में ही खिरोधर साहू ने अपने आठ साथियों के साथ मयूर सिंह जडेजा को जमुआ के इसी बाटी मोड में पांच करोड़ लुटकार फरार हुआ। घटना की रात से ही गिरिडीह के कई थानों की पुलिस सक्रिय हुई। और अपराधियो के गिरफ्तारी में जुट गई। लेकिन सारे अपराधी अलग अलग राज्यो में फरार हो चुके थे। इस दौरान लगातर छापेमारी के कारण ही पुलिस ने पहले छह अपराधियो को दबोचा था। इन अपराधियो से पुछताछ के आधार पर पुलिस ने 3 करोड़ 24 लाख बरामद किया। पूछताछ के क्रम ही गिरफ्तार छह अपराधियो ने खिरोधर साहू के कन्याकुमारी में होने की बात कबूला। लेकिन इस बीच पुलिस कई राज्यों में छापेमारी किया गया। जबकि पुलिस ने इसे कन्या कुमारी से गिरफ्तार किया। इसके बाद पूछताछ में खिरोधर साहू ने अपने पास रखे 39 लाख के साथ एक स्क्रिपियो गाड़ी होने की बात कबूली, और अपने साथी मुन्ना रविदास के पास 38 लाख होने की बात बताया।