आपदा में अगर अवसर खोजने की बात देश में हो तो जमशेदपुर सबसे अव्वल रहेगा, अस्पताल में जगह नहीं जवाब देही किसकी? चला गया बाबूलाल का बेटा
देवानंद सिंह
आपदा में अगर अवसर खोजने की बात देश में हो तो जमशेदपुर सबसे अव्वल रहेगा कोरोना के बाद अब डेंगू ने पैर पसार रखा है डेंगू के करह से शहर निजात नहीं पा रही है कई जाने जा चुकी है जिला प्रशासन जागरूकता अभियान चला रही है सिविल सर्जन पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं,JNAC के द्वारा सभी क्षेत्रों में फॉगिंग की जा रही है. इसके अलावा शहर भर में निरीक्षण और सर्वेक्षण करके एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जा रहा है साथ में कुछ बिल्डरों से फाइन भी लिया जा रहा है कुछ बिल्डरों पर मेहरबानी भी की जा रही है
जनप्रतिनिधि भी अपना काम कर रहे है परंतु निरीह जनता इन सब को देखने के सिवा कुछ नहीं कर सकती हैं शहर के लगभग सभी हॉस्पिटल फूल हैं मरीजों की देखभाल कैसे हो जनप्रतिनिधि को इससे कोई लेना-देना नहीं है चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का नेता हो
आज सुबह-सुबह एक फोन आया चार दिन से मैं अपने बेटे को लेकर हॉस्पिटल हॉस्पिटल भटक रहा था और आखिरकार मेरा बेटा आज दम तोड़ दिया यह घटना बारीडीह क्षेत्र के रहने वाले बाबूलाल के साथ घटी है
सवाल उठता है कि अस्पताल में जगह नहीं है तो इसका व्यवस्था कौन करेगा? राजनीति होती रहेगी परंतु डेंगू की कर से निजात दिलाने के लिए समुचित व्यवस्था होने तक राजनीति छोड़कर इस पर बात होनी चाहिए आपदा में अवसर तलाश में की जरूरत नहीं
सवाल उठता है कि राजनेता लकीर खींचकर लाश की लहू परख रहे हैं ?