कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमलेश कुमार पांडे ने टाटा स्टील के पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर टाटा स्टील के एक दो पदाधिकारी के कारण एक तरफ चर्चे में बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय की अधिसूचना की खुलेआम उड़ रही धज्जियां दलमा इको सेंसेटिव जोन के लिए बना मास्टर प्लान को नजर अंदाज करते हुए टाटा स्टील के कुछ पदाधिकारी की मिलीभगत से अवैध रूप से कचरा का निस्तारीकरण खुलेआम किया जा रहा है
कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमलेश कुमार पांडे ने राष्ट्र संवाद से बात करते हुए बताया कि जमशेदपुर को झारखंड की औद्योगिक राजधानी इसलिए कहा जाता है कि टाटा स्टील का अपना एथिक्स हुआ करता था पूरे देश व दुनिया में टाटा स्टील को लोग उदाहरण दिया करते थे परंतु आज अभय नारायण सिंह कॉर्पोरेट सर्विसेज व दिनेश कुमार एनवायरमेंट डिपार्मेंट के पदाधिकारी के कारण कंपनी को बदनामी हो रही है
श्री पांडे ने बताया कि भारत सरकार के द्वारा डिमना से लेकर बाराबंकी तक इको सेंसेटिव जोन 29 मार्च 2012 से घोषित है इस पर अमल करने के लिए कंपनी ने 15 -17 वेंडर को कचरे के निस्तारीकरण के लिए लगाया था परंतु तीन चार वेंडर को छोड़कर सभी को कम करने से उपरोक्त पदाधिकारी ने रोक दिया है|
श्री पांडे ने वीडियो देते हुए बताया कि राष्ट्र संवाद पूरे मामले की तहकीकात खुद करें जो किस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उपरोक्त पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर NH – 33( रिलायंस पेट्रोल पंप )के किनारे फुटपाथ पर खुलेआम डंपिंग कराया जा रहा है
क्षेत्र की अगल-बगल थाने का जांच करने पर पता चलेगा कि इस दौरान कितनी घटनाएं हुई है यह जांच का विषय है…..
श्री पांडे ने बताया कि जब सभी वेंडर को कम करने से रोका गया तो फिर श्रवण सिंह, सुकेश तनेजा और सरिता देवी पर टाटा स्टील के पदाधिकारी मेहरबान क्यों क्रमश।