समाहरणालय स्थित एसएसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में आज उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा श्री शशि भूषण मेहरा (भा०प्र०से०) की अध्यक्षता में डायन प्रथा एवं बाल विवाह के उन्मूलन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
डायन प्रथा कानूनन अपराध इसके जड़ से उन्मूलन के लिए सामूहिक स्तर पर जागरूकता एवं प्रयास की है आवश्यकता – उपायुक्त
समाज में डायन प्रथा, बाल विवाह जैसे कुरीति कैसे दूर किया जा सके, इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं के आर्थिक विकास जैसे मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता है – उपायुक्त
आर्थिक तरक्की के बगैर समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है, महिलाएं परिवार की महत्वपूर्ण कड़ी, बिना इनके विकास के समाज का विकास नहीं हो सकता है*
उपायुक्त ने जिलेवासियों से डायन बिसाही, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन हेतु जागरूकता लाने हेतु किया अपील
आज दिनांक 03.08.2023 को समाहरणालय स्थित एसएसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा श्री शशि भूषण मेहरा (भा०प्र०से०) की अध्यक्षता में डायन प्रथा के उन्मूलन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर उपायुक्त श्री शशि भूषण मेहरा (भा०प्र०से०), उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा, अपर समाहर्ता श्री सुरेन्द्र कुमार, जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमति नीता चौहान एवं प्रभारी नजारत उप समाहर्ता श्री मनोज कुमार के द्वारा शुभारंभ किया गया।
*डायन प्रथा हमारे समाज के लिए सही नहीं है, इसका उन्मूलन जागरूकता से ही संभव है – उपायुक्त*
इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि डायन प्रथा हमारे समाज के लिए सही नहीं है। आज का समय विज्ञान का है। बावजूद इसके हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग डायन प्रथा जैसी कुरीति के कारण अपने समाज के ही महिला पर शक करते हैं एवं उन्हें प्रताड़ित करते हैं, जो कतई सही नहीं है। यह एक कानूनन अपराध है।
इसके उन्मूलन के सबसे जरूरी चीज है समाज में जागरूकता का प्रसार। जब तक समाज में इन कुरीति को लेकर सकारात्मक चर्चा नहीं होगी, इसका अंत संभव नहीं है। गांवों में समाज की बेहतरी हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक प्रगति के बारे में सकारात्मक चर्चा हो ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो साथ ही उनके दिलों से इस अंधविश्वास को दूर किया जा सके। उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी इसके लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को जागरूक करने को कहा।
*आर्थिक तरक्की के बगैर समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है, महिलाएं सशक्त होंगी तो परिवार व समाज खुद ही सशक्त हो जायेगा – उपायुक्त*
उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक तरक्की के बगैर समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है, समाज में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जो भी रास्ते हैं, उस पर कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार के द्वारा महिलाओं के विकास के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हमारी मातृशक्ति स्वरूप हमारी माताएं एवं बहने आगे बढ़ेंगी। परिवार से ही समाज का निर्माण होता है और परिवार की महत्वपूर्ण कड़ी हमारी मातृशक्ति है।
*बाल विवाह के कारण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि कई पीढ़ियां का जीवन बर्बाद हो रहा है – उपायुक्त*
वहीं उन्होंने बाल विवाह के बारे में भी समाज में व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कम उम्र में लड़का लड़की की शादी करने से कई प्रकार के सामाजिक, शारीरिक नुकसान देखने को मिलता है, जहां एक ओर उनका बचपना छिन जाता है, अल्पायु में ही बच्चे हो जाने के कारण आर्थिक दुष्चक्र के दल दल में फंस जाता है, जवानी छिन जाती है, एवं जल्द ही बुढ़ापा का शिकार हो जाता है। बाल विवाह के कारण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि कई पीढ़ियां का जीवन बर्बाद हो रहा है। इसके लिए समाज के तमाम बुद्धिजीवी वर्ग शिक्षक, जनप्रतिनिधि सहित सभी को आगे आने की अवश्यकता है।
*डायन प्रथा कानूनन अपराध – उप विकास आयुक्त*
वहीं इस मौके पर उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा ने कहा कि डायन बिसाही प्रथा को बढ़ावा देना कानूनी अपराध है, इसके लिए कड़े कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं बेहतरी के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है, जिसका समाज के अंतिम पंक्ति तक लाभ मिले इसके लिए उचित प्रयास की आवश्यकता है। महिलाओं को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए के सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, इसका लाभ उठाएं।
वहीं इस मौके पर अपर समाहर्ता श्री सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों ने भी आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपने विचारों को साझा किया।
*इनकी रही उपस्थिति*
इस मौके पर उपरोक्त के अलावा महिला पर्यवेक्षिका, जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।