युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जमेशदपुर एसएसपी प्रभात कुमार ,सामान्य परिवेश से आने के बाद भी हासिल किया बड़ा मुकाम कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देकर पेश कर रहे हैं अच्छा उदाहरण
देवानंद सिंह
पिछले सप्ताह पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी प्रभात कुमार के कड़े फैसले ने अखबारों की खूब सुर्खियां बटोरी है कुछ भ्रांतियां एसएसपी पूर्वी सिंहभूम के साथ जुड़ रही थी उसे उन्होंने अपने कड़े फैसले से निरस्त भी करने का भरसक प्रयास किया अपराध मुक्त वातावरण देने के लिए अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को हीन भावना से काम करने की नसीहत भी दी हीरो हीरोइन और नशे का कालाबाजार पर इनकी पैनी नजर है
किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक डिसिजन का काफी बड़ा रोल होता है, क्योंकि उस डायरेक्शन जाने से पहले किसी को भी डिसिजन लेना पड़ता है। अगर, उस डिसिजन के बाद उस डायरेक्शन पर पहुंचने में बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है तो यह अपने-आप में बहुत बड़ी एचीवमेंट तो है ही, बल्कि दूसरों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा भी है।
जी हां, जमशेदपुर के एसएसपी प्रभात कुमार युवाओं के लिए इसी तरह की प्रेरणा हैं, जिन्होंने ग्रामीण परिवेश से आने के बाद भी पहले बैकिंग जैसी बेहतरीन जॉब हासिल की, फिर उस बेहतरीन जॉब को क्विट कर सिविल सेवा जैसी देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को क्रेक किया।
पहले प्रयास में उन्हें रेवेन्यु सर्विस अलॉट हुआ था, जबकि दूसरे प्रयास में उनका भारतीय पुलिस सेवा में चयन हुआ। एक साधारण ग्रामीण परिवेश से आने के बाद भी जिस तरह प्रभात कुमार ने देश की सर्वोच्च परीक्षा को क्रेक किया, वह उन युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी मिसाल है, जो अभावों के आगे हार मान लेते हैं। अगर, सफलता के प्रति दृढ़ सकंल्प हो तो आप किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं।
साल 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रभात कुमार मूल रूप से बिहार के वैशाली के रहने वाले हैं। एमबीए की पढ़ाई पुणे से करने के बाद उन्होंने चार साल तक एक निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर काम किया। आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद साल 2016 में उनकी पहली तैनाती झारखंड के धनबाद में बतौर एसडीपीओ (ट्रेनी आईपीएस) के रूप में हुई, जबकि वर्ष 2017 से 2018 तक वह जमशेदपुर में ग्रामीण एसपी के पद पर तैनात रहे
वहीं, वर्ष 2018 से 2019 तक जमशेदपुर के शहरी क्षेत्र में बतौर पुलिस अधीक्षक नगर भी पदस्थापित रहे। वह रामगढ़ जिला में एसपी के तौर पर भी कार्यरत रहे हैं।
कारगर पहल है मोबाइल डिस्ट्रीब्यूशन अभियान
प्रभात कुमार ने जिस तरह करियर की शुरूआत में बैकिंग क्षेत्र में बेहतरीन काम किया, उसी तरह पुलिसिंग में सुधार को लेकर वह कई ऐसे कदम उठाने पर विश्वास करते हैं, जिससे कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने में मदद मिल सके। जमशेदपुर एसएसपी बनने के बाद वह कई तरह की ऐसी पहल कर चुके हैं, जिससे न केवल लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है, बल्कि पुलिस के कामकाज के तरीके में भी बहुत अधिक परिवर्तन आया है।
जिस तरह से उन्होंने खोए मोबाइलों को बरामद कर लोगों को डिस्ट्रीब्यूट करने का अभियान उन्होंने चलाया है, वह अपने-आप में काफी कारगर साबित हो रहा है, क्योंकि इससे उन लोगों को काफी मदद मिल रही है, जिन्होंने मेहनत की कमाई से मोबाइल खरीदा और किसी भी कारण से या तो चोरी हो गया फिर गुम हो गया। अब तक जमशेदपुर पुलिस एक हजार से अधिक मोबाइलों को वितरण कर चुकी है, जिसके लिए बिष्टूपुर और साकची में वितरण कैंप लगाए गए थे।
वहीं, आईपीएस प्रभात कुमार के नेतृत्व में जमशेदपुर फिर से कई कैंप लगाने की तैयारी कर रही है, क्योंकि अभी पुलिस ने हजारों की संख्या में मोबाइल बरामद किए हैं।
प्रभात कुमार कहते हैं कि इस संबंध में उन्होंने बहुत सोच-विचार कर कोई निर्णय नहीं लिया, बल्कि यह उनके नेचर का असर है। वह कहते हैं कि हम जिस परिवेश से आते हैं, उसमें सामान्य लोगों की पीड़ा को समझना बहुत अधिक मुश्किल नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि एक आम-आदमी बहुत मेहनत से मोबाइल खरीद पाता है। उसके लिए उन्हें अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ती है, लेकिन जब वही मोबाइल चोरी या गुम हो जाता है तो उसे अत्यंत पीड़ा होती है। उन्होंने बताया कि हर साल जमशेदपुर में दो से ढ़ाई हजार मोबाइल चोरी या गुम होते हैं। उन्होंने कहा कि यह आकड़ा और भी बड़ा हो सकता है, लेकिन बहुत से मामलों में रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की जाती है। एसएसपी ने कहा कि आने वाले दिनों में और कैंप लगाने की तैयारी है, क्योंकि बुहत सारे मोबाइल और बरामद किए गए हैं। निश्चित ही, एसएसपी प्रभात कुमार की यह पहले कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित हो रही है।
रसूखदार भू माफिया का काले कारनामे
बहरहाल पिछले दिनों बिरसानगर थानेदार पर हुई कार्रवाई को लेकर कई तरह की चर्चाएं में है कुछ हद तक मामले में जांच की भी आवश्यकता है कहीं भू माफियाओं ने साजिश के तहत तो पूरे प्रकरण को अंजाम तो नहीं दिया है इस पर भी एसएसपी प्रभात कुमार को जांच कराने की आवश्यकता है भू माफिया ने एकड़ में घेराबंदी की है और इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी जेसीबी आज भी वहां चल रही है
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