बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. 2024 के चुनावों से पहले कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया है. झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी को प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी है
भाजपा ने 4 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष
आंध्रा – श्रीमती पी पुरंदेश्वरी
झारखंड- श्री बाबूलाल मरांडी
पंजाब – श्री सुनील जाखड़
तेलंगाना श्री जी किशन रेड्डी
के साथ साथ राजेंद्र एटीला को तेलंगाना चुनाव प्रबंधन संमिति का अध्यक्ष बनाया गया।
कमान सौंपी है.
रांची: बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों के अध्यक्ष को बदला है. झारखंड में अब ये कमान बाबूलाल मरांडी को दी गई है. इससे पहले दीपक प्रकाश राज्य की कमान संभाल रहे थे. बाबूलाल मरांडी को बीजेपी विधायक दल का नेता भी चुना गया था. अब उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है
2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए बाबूलाल मरांडी को मिली ये जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है. बाबूलाल मरांडी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1958 को गिरिडीह मे हुआ था. गिरिडीह कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने एक साल तक प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम किया. इसके बाद वो आरएसएस से जुड़े. साल 1983 में उन्हें संथाल परगना के विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली
साल 1991 में बाबूलाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव 1991 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गए. 1996 लोकसभा चुनाव में वो फिर दुमका सीट से उम्मीदवार बने. इसबार वो महज 5 हजार वोट से दोबारा हारे. साल 1996 में बीजेपी ने उन्हें वनांचल क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 1998 में उन्होंने दुमका सीट पर जीत दर्ज की. 1999 में वो फिर जीतकर सांसद बने
ज्ञात होगी कि 2019 में बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय किया था 2019 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम अकले चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत मिली. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी में जाने का फैसला किया और पार्टी ने तीन विधायकों में से दो बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को निलंबित कर दिया और पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया. बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता बनाया लेकिन सदन में उसे अभी तक मान्यता नहीं मिली है