मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की, कहा- गंभीर आरोप, कर सकते हैं केस प्रभावित
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम आपको जमानत नहीं दे सकते. आप केस को प्रभावित कर सकते हैं. सिसोदिया दिल्ली आबकारी मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
दिल्ली शराब घोटाला की जांच कर रही सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की. बेंच ने सिसोदिया को यह कहते हुए राहत देने से इंकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उनके जमानत पर रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
क्या है दिल्ली आबकारी नीति मामला?
दिल्ली सरकार ने 2021 में दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 तैयार किया था और लागू किया था. उस वक्त मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही दिल्ली के आबकारी मंत्री भी थे. नई आबकारी नीति के लागू होने पर आरोप लगे कि अपने चहते कारोबारियों को गलत तरीके से शराब बेचने के लाइसेंस दिए थे. इसके बदले रिश्वत ली गई थी. मामले के तूल पकडऩे के बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया था और पुरानी नीति लागू कर दी थी. दिल्ली के उपराज्यपाल ने पत्र लिखकर सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा था. इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया और जांच शुरू की.
मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 31 मार्च के आदेश को चुनौती दी है, जिसने इस मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी थी. शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है. ईडी ने सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था. सिसोदिया अब जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आप नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को खराब सेहत के चलते 6 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी.